पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: साल 2015-16 दारोगा भर्ती मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस ने 12 लोगों को आरोपी बनाते हुए नामजद किया है। वही, उत्तराखंड एसटीएफ ने भी यूकेएसएसएससी के वीपीडीओ भर्ती घोटाले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन रिटायर्ड अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अभी तक 40 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
दारोगा भर्ती मामले में शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था। भर्ती परीक्षा में परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक और ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ पर गड़बड़ी के आरोप हैं। मामले में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद विजिलेंस ने शासन से नकल कर उत्तीर्ण हुए दरोगाओं पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। मुख्यमंत्री को स्पष्ट में जाने के आदेश पर अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।
इस मुकदमें में पंतनगर विश्वविद्यालय के नरेंद्र सिंह जादौन, पूर्व एओ दिनेश चंद्र जोशी के अलावा नकल माफ़िया सिंडिकेट के हाकम सिंह, चंदन मनराल, केन्द्रपाल, मास्टरमाइंड सादिक मूसा सहित राजेश कुमार जयसवाल, संजीत कुमार चौहान, राजेश पाल ,विपिन बिहारी विपिन बिहारी और नीतीश गुप्ता को आरोपी बनाते हुए नामजद किया गया है।
दूसरी तरफ उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन डा. आरबीएस रावत, तत्कालीन सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया। परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में जांच कर रही एसटीएफ की यह अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई है।
इस मामले में अब तक उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एसटीएफ और विजिलेंस की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में यह कार्रवाई और तेज होगी।