ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले स्वामी पुन्यानंद को लेकर नेपाल मूल के लोगों पर साधा निशाना..
सोशल मीडिया पर नया रूप ले रहा प्रकरण, नेपाल में आश्रम बनाने का आरोप, संपत्ति की जांच की मांग..

पंच👊नामा ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: कथावाचक स्वामी पुन्यानंद महाराज के ब्राह्मणों पर टिप्पणी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। चूंकि स्वामी पुन्यानंद महाराज नेपाली मूल के निवासी हैं, इसलिए बयान से आक्रोशित कुछ लोगों ने नेपालियों को निशाने पर ले लिया है। शुक्रवार को कनखल थाने में हंगामा के दौरान भी कुछ लोग यह कहते हुए सुनाई दिए कि नेपाल से आकर देवभूमि उत्तराखंड में रहने के बावजूद स्वामी पुण्यानंद ब्राह्मणों का अपमान कर रहे हैं,

इसलिए उन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं कुछ लोगों कहना था कि नेपाली मूल के लोगों को वापस भेजा जाना चाहिए। जबकि कुछ लोगों ने स्वामी पुण्यानंद पर देवभूमि उत्तराखंड से धन कमाकर नेपाल में आश्रम खोलने का आरोप लगाते हुए संपत्ति की जांच की मांग भी कर डाली। हालांकि, बयान से नाराज होने के बाद जब कुछ लोगों ने स्वामी पुन्यानंद को गधे पर बैठाकर घूमने जैसे टिप्पणी की तो कुछ वरिष्ठ लोगों ने उन्हें टोका और कहा कि ब्राह्मण होकर किसी संत पर ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है।

गौरतलब है कि कोलकाता में भागवत कथा के दौरान कनखल बैरागी कैंप स्थित श्री उमा महेश्वर ट्रस्ट के पीठाधीश्वर कथावाचक स्वामी पुन्यानंद महाराज ने ब्राह्मणों की टिप्पणी टट्टू से करते हुए लोगों को खुद पूजा अर्चना करने की नसीहत दी थी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ब्राह्मण समाज का गुस्सा भड़क उठा और कनखल में जुलूस के रूप में ब्राह्मण समाज के लोग थाने पहुंचे और स्वामी पुन्यानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।

हालांकि इस विरोध प्रदर्शन में श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ से लेकर शहर विधायक मदन कौशिक और उज्ज्वल पंडित जैसे तीर्थ पुरोहितों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। लेकिन मुकदमा अधीर कौशिक की तहरीर पर दर्ज हुआ था। जातिगत टिप्पणी से निकली बात अब स्वामी पुण्यानंद के नेपाली मूल तक जा पहुंची है। ऐसा बताया गया है कि स्वामी पुन्यानंद नेपाली मूल के निवासी हैं और लंबे समय से हरिद्वार में ही रहते आ रहे हैं।

टिप्पणी के बाद पुन्यानंद ब्रह्मण समाज के निशाने पर हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग मांग कर रहे हैं कि स्वामी पुन्यानंद नेपाल के निवासी हैं। उत्तराखंड में रहने के बावजूद ब्राह्मणों पर टिप्पणी करने का दुस्साहस उन्होंने क्यों किया। सोशल मीडिया पर इस टिप्पणी के जवाब में कई लोगों ने नेपाली मूल के लोगों को भी आड़े हाथों लेते हुए वापस भेजने की भी मांग कर डाली। जिसे यह मामला अब नया रंग लेता नजर आ रहा है। वहीं पुलिस अपनी छानबीन में जुटी है और स्वामी पुन्यानंद के हरिद्वार लौटने का इंतजार कर रही है। कनखल थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मुकदमे से संबंधित तथ्य जुटाए जा रहे हैं, नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
