
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कनखल स्थित महामृत्युंजय मठ आश्रम से सनसनीखेज मामला सामने आया है। आश्रम का कोठारी महंत कथित रूप से 28 लाख रुपये नकद और सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गया। आरोपी वही व्यक्ति है, जिसे महामंडलेश्वर ने खुद सन्यास दीक्षा देकर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।महामृत्युंजय मठ आश्रम के महामंडलेश्वर यमुना पुरी महाराज ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2009 में हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश) के कस्बा बैसूम निवासी विकास सिंघल को उन्होंने सन्यास दीक्षा दी थी। दीक्षा के बाद उसे वैराग्य पुरी नाम दिया गया और आश्रम की समस्त जिम्मेदारियां — जैसे लेनदेन, निर्माण कार्य और भंडार प्रबंधन — उसी को सौंपी गईं थीं।
महामंडलेश्वर के अनुसार 10 अक्टूबर की रात जब वे पंजाब प्रवास से लौटे, तो वैराग्य पुरी आश्रम से गायब मिला। अलमारी की जांच की गई तो उसमें रखे करीब 28 लाख रुपये नकद और सोना-चांदी के जेवरात गायब थे। अगली सुबह वैराग्य पुरी की ओर से एक मैसेज आया, जिसमें उसने केवल इतना लिखा कि “मैं जा रहा हूं।” इसके बाद से उसका मोबाइल फोन भी बंद है।
महामंडलेश्वर यमुना पुरी महाराज ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अंततः उन्होंने कनखल पुलिस को तहरीर देकर मामले की जानकारी दी। सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी कोठारी महंत वैराग्य पुरी उर्फ विकास सिंघल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश के लिए पुलिस टीमों को लगा दिया गया है।