उत्तराखंड

भूस्खलन से टनल में फंसे 36 मजदूर, राहत व बचाव कार्य जारी, सीएम धामी हर घंटे ले रहे अपडेट..

पाइप डालकर ऑक्सीजन पहुंचाने के चल रहे प्रयास, मलबे में फंसे मजदूर, परिजनों की सांसें अटकी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: त्योहार के दिन उत्तराखंड में अल सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। उत्तरकाशी में एक टनल में भूस्खलन होने से 36 मजदूर अंदर फंस गए। जिससे हड़कंप मच गया चिंता की बात यह है की टनल में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए बिछाई गई लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे मजदूरों के लिए जीवन संकट खड़ा हो गया है। कई घंटे के रात को बचाव कार्य के बावजूद मजदूरों से संपर्क नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। सीएम लगातार अधिकारियों के संपर्क में है और हर घंटे अपडेट ले रहे हैं। मजदूरों की जान बचाने के लिए पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मलबे ने राहत व बचाव टीमों की परेशानी बढ़ाई हुई है।
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“मजदूरों के शिफ्ट चेंज होने के दौरान हुआ हादसा…..
टनल में रात और दिन दो शिफ्ट में काम चलता है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हादसे में दोनों ही शिफ्ट के कर्मचारी फंस गए। दरअसल, रविवार सुबह शिफट चेंजिंग की दौरान हुआ हादसा। रात्रि शिफ्ट वाले श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे, अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से करीब 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गयी। यहां से करीब 2700 मीटर भीतर 40 से 50  मजदूर काम कर रहे थे। कार्यस्थल तक ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डाली गई लाइन भी मलबे से ध्वस्त हो गयी। हालांकि परियोजना के अधिकारी भीतर पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं। फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का एकमात्र विकल्प टनल से मलबा हटाना ही है। बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपरी तरफ से आ जा रहा है। जिस जगह टनल में ऊपरी तरफ से मलबा आ रहा है, वहां कठोर चट्टान नहीं है।
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घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि वह स्वयं जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के संपर्क में हैं। अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
वहीं, उत्तरकाशी एसपी अर्पण यदुवंशी के अनुसार टनल में 36 लोग फंसे हैं। टनल का करीब 30 मीटर हिस्सा मलबे से पटा हुआ है। इसके आगे सुरंग सही स्थिति में है। जहाँ मजदूर  फंसे है, अभी वहां ऑक्सीजन उपलब्ध है, बाहर से पाइप डालकर ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रयास किये जा रहे हैं। जहाँ पर टनल मलबे से बंद हो रखी है, उससे कुछ दूरी पर पहाड़ी को ड्रिल कर रास्ता बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए टीएचडीसी से मदद ली जा रही है, उसके पास ऐसी मशीन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया है।

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