43 सीटर बस में सवार थे 55 यात्री, मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 36, दिल्ली से लौटे सीएम धामी, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया दुख..
मृतकों की आत्मा की शांति के लिए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी के नेतृत्व में एसएमजेएन पीजी कॉलेज में हुई सामूहिक प्रार्थना..
पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड: अल्मोड़ा में हुए हृदय विदारक हादसे में बस संचालक की भीषण लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि बस 43 सीट में पास थी। जबकि उसमें 55 लोग सवार थे। इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 36 पहुंच गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली में अपने सभी कार्यक्रम छोड़कर उत्तराखंड लौट आये और राहत व बचाव कार्य की जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया है। इधर मर्तको की आत्मा की शांति के लिए हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी के नेतृत्व में एसएमजेएन पीजी कॉलेज में सामूहिक प्रार्थना की गई। जिसमें घायलों के स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की गई। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। जबकि घायलों को एक-एक लाख रुपए मिलेगा।
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सुबह 7:00 रवाना हुई थी बस…
नैनीडांडा ब्लाक (पौड़ी गढ़वाल) के बारातकिनाथ से गढ़वाल मोटर यूजर्स को-आपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसायटी लिमिटेड की बस यूके 12 पीए 0061 यात्रियों को लेकर प्रात: लगभग सात बजे रामनगर के लिए रवाना हुई। सुबह करीब आठ बजे कूपी क्षेत्र में सल्ट थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत सारूढ़ ज्यूखड़ाचौड़ा बैंड के पास ये बस अनियंत्रित होकर स्टेट हाईवे से खाई की ओर जा गिरी।
सल्ट पुलिस, एसडीआरएफ, रानीखेत से दमकल कर्मियों का बचाव दल दुर्घटना स्थल पर पहुंचा। खाई में दुर्घटनाग्रस्त बस में फंसे घायलों व शवों का बमुश्किल बाहर निकाला गया। प्रशासनिक टीम के साथ आसपास के ग्रामीण भी जुटे रहे। इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो अभी 36 पहुंच गई है।
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दुर्घटनाग्रस्त हुई बस 2009 मॉडल थी। चालक समेत 43 सवारियों के लिए पास इस बस में 55 यात्री सवार थे। अभी तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन गंभीर घायलों को एम्स ऋषिकेश,एक को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी और 15 को रामनगर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली में अपने कई कार्यक्रमों को छोड़कर तुरंत पंतनगर एयरपोर्ट पर पहुंचे और हादसे की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए।
शुरुआती तौर पर सामने आई रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने आरटीओ को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, परिवहन विभाग ने भी अपना स्तर से मामले पर जांच बैठा दी है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है।
उन्होंने 36 लोगों के मरने की पुष्टि करते हुए बताया कि राहत व बचाव कार्य अभी चल रहा है।
—————————————एसएमजेएन पीजी कॉलेज में सामूहिक प्रार्थना के दौरान श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “हम सभी इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं। भगवान से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिवारों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान हो। इसके साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की और प्रशासन से अनुरोध किया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद और राहत प्रदान की जाए। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए, ताकि इस तरह की हृदयविदारक घटनाओं को रोका जा सके। उत्तराखंड उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य और एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि हादसा बेहद दुःखद है। पूरा उत्तराखंड दुखी परिवारों के साथ खड़ा है। सामूहिक प्रार्थना सभा में शामिल होकर शोक जताने वालों में डॉ. संजय माहेश्वरी, प्रो. विनय थपलियाल, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज सोही, मोहन चन्द्र पांडेय आदि शामिल रहे।