
पंचनामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मास मदिरा के लिए प्रतिबंधित हरिद्वार शहरी क्षेत्र में आस-पास शराब की दुकाने चलाने वाले ठेकेदार ही अवैध शराब बिकवा रहे हैं। मंगलवार को पुलिस की कार्रवाई में एक बार फिर इस पर मुहर लग गई।

कुछ शराब ठेकेदारों और शराब माफिया के गठजोड़ ने धर्मनगरी के नियम-कायदे कानून को ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री की पहल पर चलाए जा रहे ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान को साइड में उठाकर रखा हुआ है। शहर कोतवाली क्षेत्र में जगजीतपुर शराब ठेके का एक सेल्समैन ही स्कूटी पर अवैध शराब की तस्करी करते धरा गया। वहीं, कनखल क्षेत्र में पिछले दिनों शराब की खेप पकड़े जाने के बाद लाड़ली जोड़ी के नामजद पार्टनर व अन्य आरोपियों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। आप्रेशन प्रहार के तहत इनामी व फरार आरोपियों को चुन-चुनकर गिरफ्तार कर रही पुलिस अभी तक इनको पकड़ने में नाकाम है।
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“स्कूटी पर बस्तियों में जा रही थी शराब…..

सोमवार रात ऋषिकुल तिराहे पर पुलिस टीम चेकिंग कर रही थी। तभी हाईवे की तरफ से एक स्कूटी आती नजर आई। रुकने का इशारा करने पर वह मुड़कर भागने लगा। संदेह होने पर पीछा कर उसे पकड़ लिया। तलाशी लेने पर स्कूटी से 144 देसी शराब के पव्वे बरामद हुए। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर स्कूटी को सीज कर दिया।

पूछताछ में पता चला कि पकड़ा गया आरोपी सुशील जगजीतपुर देसी शराब के ठेके में सेलसमैन है। वह मायापुर का निवासी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी का चालान तो कर दिया, लेकिन सेल्समैन की गिरफ्तारी ने एक बार फिर ठेकेदार व शराब माफिया के गठजोड़ की पोल खोल दी। छानबीन में सामने आया है कि ठेका संचालक बिक्री का टारगेट पूरा करने के लिए ज्वालापुर, हरिद्वार, कनखल आदि शहरी क्षेत्रों में माफिया की मदद से शराब बिकवा रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि पुलिस या आबकारी विभाग को इसका पता नहीं है। बस बड़ी मछली पकड़ने वाला जाल अभी तक बुना नहीं जा सका है। कनखल क्षेत्र में स्काॅर्पियो में अवैध शराब की खेप पकड़े जाने के कई दिन बीतने पर भी शहर में पुलिस व आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारियों की लाडली जोड़ी के पार्टनर सहित अन्य आरोपियों के नहीं पकड़े गए, इससे भी पूरे खेल का कनेक्शन जुड़ता दिख रहा है।