पंच👊नामा
पिरान कलियर: मुक़द्दस माहे रमजान आज अलविदा हो जाएगा, चांद दिखाई देने के बाद ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाएगा। रमज़ान के इस बा-बरकत और रहमतों के महीने में जहा तपती धूप और उमस भरी गर्मी में रोजेदारों ने रोजा रखकर अल्लाह को याद किया तो वही मासूम बच्चें भी रोजा रखकर खुदा की इबादत में मशगूल रहे। इन्ही के बीच 7 साल की मासूम बच्ची दानिया नाज सिद्दीकी ने रमजान के सारे रोजे मुकम्मल तौर पर रखकर बड़ो के लिए एक नसीहत पेश की। दानिया ने इस भीषण गर्मी में खुदा की रजा के लिए रमजान के पूरे 30 रोजे रखे, इस कामयाबी पर पूरे परिवार और बस्ती में खुशी का माहौल है। हर कोई मासूम बच्ची को दुआओं से नवाज रहा है।पिरान कलियर के महमूदपुर निवासी फरहत नवाब सिद्दीकी की बेटी दानिया नाज सिद्दीकी (उम्र 7) ने रमजान का महीना शुरू होते ही रोजा रखना शुरू कर दिया था, एक के बाद एक रोजा रखकर दानिया ने पूरे 30 रोजे मुकम्मल किए है। इस भीषण गर्मी ने दानिया उन लोगो के लिए नसीहत बनी जो हल्की हाजत और गर्मी का बहाना बनाकर रोजा छोड़ देते है। मासूम दानिया की जिद पर पूरे परिवार ने उसका हौसला बढ़ाया। रोजाना सहरी, नमाज, इबादत ए इलाही और इफ्तार का मामूर रहा। इस बीच बच्ची ने दुनियावी तालीम को भी जारी रखा। दानिया के इतनी कम उम्र में रमजान के सभी रोजे रखकर एक रिकॉर्ड भी बनाया है, साथ ही उन लोगो के लिए एक मिसाल पेश की है जो गर्मी में रोजों को मुश्किल मानकर रोजा छोड़ देते है। दानिया के रोजे रखने पर पूरे परिवार, नाते रिश्तदार और बस्ती के लोगो मे खुशी का माहौल है, हर कोई मासूम बच्ची की हौसलाफजाई कर दुआओं से नवाज रहा है। बच्ची के पिता फरहत नवाब सिद्दीकी ने बताया कि बच्ची की जिद के आगे किसी की नही चली, बच्ची ने एक एक कार सभी रोजे रखे और दिन में तालीम को भी जारी रखा, बच्ची की इस कामयाबी पर पूरे परिवार में उत्साह है।