मिसाल: थानाध्यक्ष ने दान किया शरीर, मेडिकल छात्र लेंगे एनाटॉमी का ज्ञान..
एम्स ऋषिकेश में कराया रजिस्ट्रेशन, हर कोई कर रहा सराहना..
पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने मेडिकल छात्र-छात्राओं की शिक्षा के लिए अपनी देहदान करने का फैसला लिया है। लोग जीवन में जन सेवा का संकल्प लेते हैं, लेकिन देहरादून के त्यूणी थाने में बतौर थानाध्यक्ष तैनात सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के दुनिया से विदा होने के बाद मेडिकल छात्र छात्राएं उनके शरीर से ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। कृष्ण कुमार के इस फैसले से जहां उनके परिजन खुश हैं, वहीं, पुलिस विभाग के साथ-साथ चारों तरफ से उनकी सराहना हो रही है।
मानव सेवा को सबसी बड़ी सेवा मानने वाले त्यूणी थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार पुलिस की नौकरी में जनसेवा को सर्वोपरि रखते हैं। उन्होंने अपनी देहदान कर सामाज सेवा की उत्कृष्ट मिसाल कायम की है। थाना प्रभारी कृष्ण कुमार दुनिया से विदा होने के बाद उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उन्होंने अपने जीते जी देहदान करने की इच्छा जताकर अपने परिजनों को बता दिया। इसके लिए बाकायदा पूरी कार्यवाही कर दी गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के एनाटॉमी विभाग में पंजीकरण करा दिया गया है। एम्स मानव संरचना (एनाटामी) विभाग के विभागाध्यक्ष डा. बृजेंद्र सिंह ने देह दान संबंधी अनुबंध पत्र पर कृष्णकांत सिंह के दस्तखत के बाद उन्हें इसका प्रमाण पत्र भी दिया है। थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके मन में जीवन के दौरान जनसेवा के साथ ही मरणोपरांत भी जनसेवा का विचार आया। सोचा कि क्यों न मृत्यु के बाद मेरा शरीर भी किसी के काम आए। इसी उद्देश्य को लेकर खुद के शरीर को दान करने का फैसला किया है। बताया कि मृत्यु के बाद भी मेरे अंग जरूरतमंद लोग के काम आएंगे। मेडिकल के छात्रों के लिए मेरा शरीर अनुसंधान के भी काम आएगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से मेरे साथ मेरे परिवार के लोग भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वहीं, कृष्ण कुमार की पत्नी हीरादेवी ने कहा कि पति की इच्छा का मैं सम्मान करती हूं। प्रभु से प्रार्थना है वो शतायु हों।