पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: पुलिसकर्मी की तबादला सूची पर बाबुओं की लालफीताशाही भारी पड़ रही है। इस लापरवाही से डीजीपी अशोक कुमार नाराज हैं। हरिद्वार समेत कई जिलों से अभी तक तबादले की जद में आने वाले पुलिसकर्मियों की सूची रेंज कार्यालय को नहीं भेजी गई है। इसका संज्ञान लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल को निर्देशित किया है कि जिन जिलों से अब तक तबादले की जद में आने वाले अधिकारियों कर्मचारियों की सूची नहीं मिली है, वहां एसएसपी/एसपी आफिस में तैनात बाबू को तुरंत तलब करें। अगर वह इस संबंध में संतोषजनक जवाब न दें तो उन्हें “निलंबित किया जाए।
दरअसल, पुलिस स्थानांतरण नियमावली के तहत कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के कार्मिकों के तबादले के लिए डीआईजी गढ़वाल ने बीती आठ अप्रैल को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के पुलिस कप्तान को पत्र भेजकर एक सप्ताह में सूची भेजने का निर्देश दिया था। 30 अप्रैल तक स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी की जानी थी, मगर अब तक अधिकांश जिलों से रेंज कार्यालय को सूची ही नहीं भेजी गई है। इस लेटलतीफी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं और तरह-तरह की चर्चाएं महकमे ने बनी हुई हैं। वहीं, खबरों के मुताबिक, तबादलों पर लापरवाही को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने डीआइजी गढ़वाल को निर्देश जारी किया है कि जिन जिलों ने सूची नहीं भेजी है, उनसे इसकी वजह पूछी जाए। वहीं डीजीपी की नाराजगी का पता चलने से पुलिस महकमे के बाबूओं में हड़कंप मच गया है। जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों ने भी उनके पेंच कसे हैं। माना जा रहा है कि अगले 1 हफ्ते के भीतर सभी जिलों से सूची रेंज कार्यालय पहुंच जाएगी जिसके बाद तबादलों की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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इनका होना है तबादला…
स्थानातरण नियमावली के अनुसार जिन कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल ने 16 साल की सेवा मैदान में पूरी कर ली है, उन्हें पहाड़ी जिलों पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी भेजा जाएगा। आठ साल पहाड़ में सेवा कर चुके कार्मिकों को मैदानी जिलों दून व हरिद्वार भेजा जाना है। दारोगा व इंस्पेक्टर रैंक में चार साल तक पहाड़ी जिले में नौकरी करने वाले कार्मिकों को मैदानी व आठ साल मैदान में ड्यूटी करने वालों को पहाड़ी जिलों में भेजेंगे।
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क्या कहते हैं डीजीपी……
अप्रैल तक कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, दारोगा व इंस्पेक्टर के तबादले किए जाने थे। जानकारी मिली है कि कुछ जिलों से अब तक ट्रांसफर होने वाले पुलिसकर्मियों की सूची ही उपलब्ध नहीं करवाई गई है। ऐसे में डीआइजी गढ़वाल को निर्देशित किया गया है कि संबंधित जिलों से लिस्ट न भेजने का कारण पूछा जाए। सही जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड