
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नेवी अधिकारी के घर को बुल्डोजर से तुड़वाने और सामान लूट कर ले जाने के मामले में पुलिस ने महिला सहित तीन और आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है। मामला देहरादून के क्लेमेन्टाउन क्षेत्र का है, इस मामले की जांच ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी कर रहे हैं। इससे पूर्व सात आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

अब अपर सिविल जज पंचम देहरादून न्यायालय में भेजे गए दूसरे आरोप पत्र में वकील सौरभ कपूर पुत्र एनसी कपूर निवासी विंडलास रेजीडेंसी डालनवाला, अमित यादव पुत्र बलराम यादव निवासी मोहल्ला घोसियन गढ़मुक्तेश्वर हापुड़ व मोना रंधावा पुत्री सतपाल रन्धावा निवासी सुभाषनगर के नाम शामिल है। पहले आरोप पत्र में वीरसेन कश्यप, सोएब अली विशाल भारद्वाज, नंदकिशोर काला, रणदीप रंधावा, सूरज क्षेत्री व सारिक अहमद का नाम शामिल था। मामले की विवेचना प्रभारी निरीक्षक ज्वालापुर आरके सकलानी कर रहे हैं।
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क्या है पूरा मामलाः दिवंगत नेवी ऑफिसर गैलेंट्री अवॉर्ड सम्मानित वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक, उनके पति के मामा मोहिंदर मलिक ने साल 1996 में विद्याभूषण नाम के व्यक्ति से सुभाष नगर में 5 बीघा भूमि और उस पर बने 100 साल पुरानी आलीशान बंगले को सेल डीड के अनुसार खरीदा था. साल 1997 में रजिस्ट्री हुई. उसके बाद वीके कपूर और उनका परिवार यहां रहने लगा। कुसुम कपूर के मुताबिक, पति के मामा मोहिंदर मलिक ने इस प्रॉपर्टी की वसीयत वीके मलिक के नाम पर कर दी थी। उधर, वीके मलिक की मौत पिछले साल 25 फरवरी 2021 को हो गई। उसके बाद यह वसीयत उनके बेटी प्रीति खट्टर के नाम आ गई। बीते 7 जनवरी 2022 को कुसुम कपूर मानसिक रूप से विकलांग अपनी छोटी बेटी को देखने नोएडा गई थी। तभी 12 जनवरी 2022 को तड़के भू माफियाओं और पश्चिमी यूपी के बंदूकधारी दबंगों ने पहले पूरे बंगले से नौकर केयर टेकर को बंदूक के बल पर चार ट्रक माल लूटपाट कर ठिकाने लगाया। उसके बाद स्थानीय पुलिस के संरक्षण में आलीशान बंगले को तीन जेसीबी व बुल्डोजर से धराशाई कर कब्जाने का प्रयास किया। इस मामले में पुलिस की संलिप्तता सामने आने पर तत्कालीन एसओ नरेंद्र गहलावत को सस्पेंड किया गया था। कई और सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। जल्द ही कई छिपे हुए चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
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फोरेंसिक लैब की जांच में फर्जी निकले दस्तावेज….
विवेचना में जिस रामभरोसे निवासी हापुड़ की जमीन का दावा करके भू माफियाओ द्वारा क्लेमेनटाउन में पांच बीघा भूमि पर मकान गिरकर कब्जा किया था उसके 1964 के दस्तावेज फॉरेंसिक लैब में फर्जी पाए गए है जिस पर विवेचना में धोखाधड़ी ओर कूटरचना की धाराएं बढ़ाई गई है। विवेचना के अनुसार इन फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने के लिए सौरभ कपुर को मुख्य सूत्रधार बताया गया है जिसने अपने दोस्त अमित यादव से मिलकर उपरोक्त भूमि के फर्जी कागज तैयार किये और उक्त भूमि पर रह रही केअर टेकर मोना रन्धावा से मिलकर रामभरोसे के नाम तहसील में दाखिल खारिज करा लिया।
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सौरभ कपूर सहित कुछ अन्य की गिरफ्तारियां जल्द….
पुलिस रजिस्ट्रार कार्यालय व तहसील के तत्कालीन अधिकारियों की भी दस्तावेजो को तैयार करने और मौके पर कब्जा करवाने के आरोपों की जांच चल रही है।
इस प्रकरण के लिए गठित एसआइटी में पुलिस उपमहानिरीक्षक महोदय गढ़वाल रेंज अध्यक्ष हैं। जबकि पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून अक्षय कोंडे व एएसपी हरिद्वार रेखा यादव एसआइटी की सदस्य हैं।