पंच👊नामा
रुड़की: देवों की नगरी हरिद्वार में इन दिनों आस्था का मेला कांवड़ यात्रा चल रही है। शिवभक्त कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है। इस मेले में शिवभक्तों की आस्था देखते ही बन रही है। पैदल मार्ग पर आस्था के कई रंग नजर आ रहे हैं। यहां कोई कंधे पर कांवड़ उठाकर मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं तो कोई शरीर के बल रेंगते हुए मंदिर में पहुंच रहे हैं। इन्ही के बीच एक कावड़िये का हैरतअंगेज कारनामा सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जिसने भी इस कावड़िये की आस्था देखी उसने ही दांतो तले अपनी उंगलियां दबा ली। दरअसल इस कावड़िये ने अपनी पीठ पर लोगे के कुंडे गुदवाए हसि जिसके सहारे वह भारी भरकम कांवड़ खिंचकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है। हरिद्वार से कैथल हरियाणा की पद यात्रा के लिए निकले जोगिंदर गुज्जर बताते है कि ये प्रेरणा उन्हें अपने उस्ताद देशराज से मिली, जो टाई क्वांडो कोच है, और वह उन्हें स्तण्ड सिखाते है। उन्होंने बताया जैसे बजरंग बली हनुमान ने अपना सीना चीरकर श्रीराम का वास अपने सीने में दिखाया था उसी तरह भगवान शिव के प्रेम में वह अपनी पीठ पर लोहे के कुंड बीनकर कांवड़ खींच रहे है, ये सब वह भगवन शिव के प्रेम में कर रहे है।बता दे दूर-दराज से शिवभक्त हरिद्वार पहुँच रहे है और अपनी भक्ति का इजहार कर रहे है। लाखों करोड़ों की संख्या में शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे है। हरियाणा से हरिद्वार कांवड़ लेने आव जोगिंदर गुज्जर का कांवड़ उठाना सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।