हरिद्वार

कॉलोनीवासियों के विरोध पर टूटी “एचआरडीए की नींद, अपनी कॉलोनी में सील किया अवैध निर्माण..!!

अंधेरगर्दी की हद, सील करने के आदेश के बावजूद चल रहा था काम, कॉलोनीवासियों ने किया विरोध, (देखें वीडियो)..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: एचआरडीए की आवासीय कॉलोनी शिवलोक में नियमों की धज्जियां टूटने का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। एचआरडीए को नींद से जगाने के लिए कॉलोनी वालों को ही आगे आना पड़ा।

रक्षाबंधन की छुट्टी का फायदा उठाकर कराए जा रहे अवैध निर्माण को कॉलोनी वासियों ने विरोध करते हुए बंद करा दिया। जिसके बाद एचआरडीए को भी हरकत में आना पड़ा और एक टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण को सील कर दिया।हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की ओर से बताई गई शिवलोक आवासीय कॉलोनी में काफी दिन से एक अवैध बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा था। जिसमें एचआरडीए के सारे नियमों की धज्जियां उड़ा कर रख दी गई हैं। सौ फीसद जगह कवर करते हुए अवैध निर्माण का ढांचा खड़ा कर दिया गया। भवन के आगे या पीछे कोई जगह नहीं छोड़ी गई है। न ही पार्किंग बनाई गई। कॉलोनी के लोग इसलिए चिंतित हैं कि कमर्शियल भवन बनने पर यहां बड़े वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी। साथ ही गाड़ियां भी सड़क पर पार्क की जाएंगी। ऐसे में पूरी कॉलोनी का ढांचा ही बिगड़ जाएगा। सवाल उठ रहे हैं कि आवासीय कॉलोनी में कमर्शियल भवन कैसे बनाया जासकता है। ताअज्जुब की बात यह है कि आए दिन अवैध कॉलोनियों में सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर अपनी उपलब्धियों का बखान करने वाले अधिकारियों के कान पर जूं रेंगने में 10 दिन लग गए। वह भी तब, जबकि रक्षाबंधन की छुट्टी का फायदा उठाते हुए बड़े पैमाने पर काम कराने पर कॉलोनी वासियों ने विरोध किया। ताज्जुब की बात है कि 1 सील करने के आदेश कर दिए गए थे। इसके बावजूद अवैध निर्माण कराया जा रहा था। लोगों के हंगामा करने पर पूरा मामला जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे तक पहुंचा और उन्होंने एक टीम मौके पर भेजी जिसके बाद टीम ने अवैध निर्माण को सील कर दिया है। इस पूरे मामले में एचआरडीए के निचले कर्मचारियों ने अपने आला अधिकारियों को भी गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 1 अगस्त को कॉलोनी वासी अपनी शिकायत रिसीव करा चुके थे। इसके बावजूद यह शिकायत ना तो सचिव की टेबल तक पहुंचे और ना उनके संज्ञान में यह मामला लाया गया। बल्कि अवैध निर्माण करने वालों को इसकी सूचना दे दी गई जिसके बाद से वह कॉलोनी वासियों पर दबाव बनाता रहा था। कॉलोनी वाले साफ़ आरोप लगा रहे हैं कि एचआरडी अधिकारियों की मिलीभगत और संरक्षण में पूरा अवैध निर्माण किया जा रहा था।

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