बलात्कारियों और हत्यारों को रिहा करने पर गुजरात सरकार पर भड़के उत्तराखंड आंदोलनकारी..
फैसले पर उठाए सवाल, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन..

पंच👊नामा-ब्यूरो
गर्भवती महिला से बलात्कार और उसके परिवार की हत्या कर उम्र कैद की सजा काटने वालों को रिहा करने का उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने भी विरोध किया है। आंदोलनकारियों ने देहरादून में गुजरात सरकार के फैसले को देश की महिलाओं का अपमान बताते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया।गौरतलब है कि 2002 गुजरात के गोधरा में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ और उसके परिवार के कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इन सभी को बलात्कारियों और हत्यारों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। हाल ही में गुजरात सरकार ने एक समिति बनाते हुए सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया। हैरानी की बात यह है कि रिहा होने के बाद फूल मालाओं से उनका स्वागत किया गया। गुजरात सरकार के इस फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने भी फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की है। देहरादून में गुजरात सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि यह फैसला महिलाओं की अस्मिता को रौंदने वाला है। एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जाता है और दूसरी तरफ गर्भवती महिला के बलात्कारियों और हत्यारों को रिहा किया जाता है। सवाल उठाया गेम गुजरात सरकार आखिर क्या संदेश देना चाहती है। उन्होंने दोषियों को तत्काल दोबारा जेल में डालने और सख्त कार्रवाई की मांग राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में की साथ ही महिलाओं का अपमान करने वाली गुजरात सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई।