उत्तराखंड

भर्ती घोटालों के बीच अब आरएसएस से जुड़ी सूची वायरल, कांग्रेस ने भाजपा और संघ को घेरा..

साइबर थाने में मुकदमा, संघ को बदनाम करने की साजिश का आरोप..

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पंच👊नामा ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: प्रदेश में सरकारी नौकरियों को लेकर आए दिन सामने आ रहे नए-नए घोटालों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सिफारिश पर नौकरी पाने वाले कृपा पात्रों की एक फर्जी सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस सूची में कथित तौर पर संघ के प्रांत प्रचारक की सिफारिश पर उनके कुछ करीबियों और रिश्तेदारों को नौकरी मिलने का दावा किया गया है। संघ ने इस सूची को पूरी तरह कूटरचित, फर्जी और संघ को बदनाम करने की साजिश बताया है।

फाइल फोटो

साइबर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जबकि इससे पहले संघ कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात करते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच का आग्रह किया था। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने संघ और भाजपा को घेरने का प्रयास किया। लेकिन मामला तूल पकड़ने से पहले ही संघ ने मुकदमा दर्ज करा दिया है।
उत्तराखंड में इन दिनों अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुई नियुक्तियों में धांधली के अलावा विधानसभा की नियुक्तियों का प्रकरण गरमाया हुआ है। इसे लेकर सोशल मीडिया में रसूखदारों की सिफारिश पर चहेतों को सरकारी नौकरी देने के दावे करते हुए नित नई-नई सूची वायरल हो रही हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक के नाम का उल्लेख करते हुए एक सूची वायरल हो रही है।

फाइल फोटो

सूची में 170 नामों का जिक्र करते हुए इन्हें वर्ष 2017 से 2022 के मध्य सरकारी विभागों में नौकरी मिलने के साथ ही इनके संघ के प्रांत प्रचारक का रिश्तेदार होने का दावा किया गया है। शुक्रवार से यह सूची तेजी से वायरल हुई। इस पर कांग्रेस ने भाजपा और संघ को घेरने का प्रयास किया। प्रकरण संज्ञान में आने पर शनिवार को संघ के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही वायरल सूची को असत्य और कूटरचित करार देते हुए कहा कि वायरल सूची में जिन नामों का उल्लेख है वे न तो उल्लिखित स्थानों पर कार्यरत हैं और न उनका संघ के प्रांत प्रचारक से किसी प्रकार को कोई संबंध है।

फाइल फोटो

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि भ्रम फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके। इस मामले में संघ के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल की ओर से साइबर थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वायरल सूची 16 सितंबर को संघ के सह प्रांत व्यवस्था प्रमुख नीरज मित्तल को उनके वाट्सएप नंबर पर डा मुकेश गोयल से प्राप्त हुई। डा गोयल से इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि उन्हें यह सूची ग्रीन पार्क बल्लूपुर निवासी संजीव अग्रवाल ने भेजी । अग्रवाल को भी यह सुभाष जोशी नामक व्यक्ति के वाट्सएप नंबर से प्राप्त हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा इंटरनेट मीडिया पर फर्जी सूची वायरल कर संघ की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति का अपराध है। उधर, एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।।                                       

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