पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मलाईदार नगर निकायों में कुर्सी पाने और बाबू की कुर्सी से सीधे अधिशासी अधिकारी की कुर्सी पाने वाले अधिकारी कर्मचारियों की खुशियां चंद घंटे भी बरकरार नहीं रह सकी। शासन ने चंद घंटे बाद ही तबादलों पर रोक लगा दी है। सभी अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने पूर्व तैनाती स्थल पर ही तैनात रहें। शासन ने प्रदेश भर के नगर निगम व नगर पालिकाओं में तैनात अधिशासी अधिकारियों, लेखाकार, सहायक लेखाकार, प्रधान लिपिक आदि 74 अधिकारी कर्मचारियों के तबादले किए थे। इनमें कुछ अधिशासी अधिकारियों को उनकी मनमाफिक पोस्टिंग मिली तो कई अधिकारियों को हल्का करते हुए उनके पर कतरे गए थे। जबकि कई रसूखदार कर्मचारियों को ईओ के पद से नवाजा गया था। सूची से कईयों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई। बधाई और मिठाई खिलाने का दौर शुरू हो गया। लेकिन यह खुशी चंद घंटों में काफूर हो गई। चूंकि शासन ने कुछ घंटे बाद ही तबादला सूची पर रोक लगा दी।
——————————————————–
चंद्रकांत भट्ट के तबादले पर मचा था सियासी घमासान..
रुड़की नगरनिगम के पूर्व सहायक नगर आयुक्त चन्द्र कांत को नगरपंचायत कलियर का ईओ बनाया गया था, जिसके बाद रुड़की की राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा था, रुड़की मेयर ने नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे, तो वही कुछ पार्षदों ने इस नियुक्ति पर उन्हें बधाई देते हुए उनकी कार्यक्षमता का परिणाम बताया था, लेकिन नियुक्ति पर रोक के बाद इस चर्चा पर भी विगम लग गया।