पंच👊🏻नामा
नितिन गुड्डू, हरिद्वार: वेस्ट यूपी में आतंक का पर्याय बने 50 हजार के इनामी कुख्यात योगेश भदौड़ा और उसके पांच शार्प शूटरों को गिरफ्तार कर राष्ट्रपति पुरुस्कार हासिल करने वाले इंस्पेक्टर राजेश वर्मा ने रिटायर्डमेंट के बाद अब राजनीति में नई पारी शुरू की है।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर राजेश वर्मा ने हरिद्वार के ग्राम बहादरपुर जट से प्रधान पद का चुनाव जीता है। पहले खाकी और अब खादी पहनकर वह सेवा करेंगे। राजेश वर्मा के परिवार, परिचितों और रिश्तेदारों में खुशी की लहर है।
50 हजारी योगेश भदौड़ा, 15 हजारी लीलू करनावल उर्फ अमित निवासी करनावल, 12 हजारी गौरव उर्फ भूरा निवासी मंसूरी, थाना इंचौली, पांच हजारी राहुल निवासी वाजिदपुर, थाना बड़ौत (बागपत), 12 हजारी अंकित निवासी ऊंचागांव, थाना जानी व संदीप निवासी मंसूरी, थाना इंचौली को गिरफ्तार करने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर बड़ौत राजेश वर्मा सहित तीन पुलिस अधिकारियों को साल 2014 में राष्ट्रपति पुरुस्कार मिला था। नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद राजेश वर्मा अपने गांव पहुंचे और समाज सेवा को लक्ष्य बनाकर चुनावी समर में कूद गए। आखिरकार जनता ने उन्हें प्यार और सम्मान देते हुए 363 वोट से प्रधान बनाया है। उत्तराखंड किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत के जनसंपर्क अधिकारी व नवनिर्वाचित प्रधान राजेश वर्मा के करीबी हरिद्वार निवासी सचिन चौधरी ने बताया कि चुनाव में रिटायर्ड इंस्पेक्टर राजेश वर्मा को कैरम बोर्ड चुनाव चिन्ह मिला था।
गांव की जनता से क्षेत्र के विकास के लिए सौम्य स्वभाव और मिलनसार व्यवहार वाले रिटायर्ड इंस्पेक्टर राजेश वर्मा को अपना प्रधान चुना है। सचिन चौधरी ने बताया कि रिटायर्ड इंस्पेक्टर राजेश वर्मा अपने सेवा काल से ही जनता की सेवा को महत्व देते हैं।