
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भ्रष्टाचार में फंसने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक व रविदासाचार्य सुरेश राठौर के अखाड़े में महामंत्री बने पूर्व डीएफओ किशन चंद की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। रेंजर बृजबिहारी शर्मा को जेल भेजने के बाद विजिलेंस अब किशन चंद का स्टे बैकेट कराने की तैयारी में जुट गई है।विजिलेंस ने इसके लिए नैनीताल हाईकोर्ट में आवेदन किया है। दरअसल, हल्द्वानी विजिलेंस की पूछताछ और छानबीन में बृजबिहारी शर्मा और सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद के कई अन्य घोटालों में भी शामिल होने की बात सामने आई है। जिनके बारे में विजिलेंस छानबीन कर रही है। इसी बीच सोमवार को हरिद्वार में पूर्व विधायक और रविदास आचार्य सुरेश राठौर ने किशन चंद को अपने अखाड़े में शामिल कराया है। जिसके बाद कई तरह की चर्चाओं और सवालों ने जोर पकड़ लिया है।

पूर्व आईएफएस किशनचंद के खिलाफ विजिलेंस ने वर्ष 2019 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू की थी। जांच पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी थी। विजिलेंस जांच में सामने आया था कि किशनचंद अपनी आय से 375 गुना संपत्ति के मालिक हैं। जिम कार्बेट रिजर्व की पाखरो रेंज में बाड़ व अन्य निर्माण कार्य के दौरान अवैध रूप से पेड़ काटने से सहित भारी अनियमित्ताएं सामने आई थी। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, पाखरो रेंज में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी। इसकी आड़ में बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए। इस मामले में भी पूर्व डीएफओ किशन चंद आरोपी हैं। ख़बरों के अनुसार, हल्द्वानी विजिलेंस ने बृजबिहारी शर्मा को गुवाहाटी (असम) स्थित कामाख्या मंदिर से 13 सितंबर 2022 को मेघालय और असम पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तारी किया था।

ट्रांजिट रिमांड लेकर विजिलेंस टीम उसे हल्द्वानी ले आई थी। कई घंटे तक चली पूछताछ के बाद कोर्ट के आदेश पर बृजबिहारी शर्मा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

एसपी विजिलेंस का कहना है कि मुख्य आरोपी किशन चंद ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया था। अब उसकी गिरफ्तारी के लिए स्टे बैकेट कराने की तैयारी की जा रही है। विजिलेंस इसके लिए कोर्ट में साक्ष्य पेश करेगी। ऐसे समय में पूर्व विधायक सुरेश राठौर के श्री गुरु रविदास अखाड़े में किशन चंद के महामंत्री बनने से कई तरह की चर्चाएं और सवाल तैर रहे हैं।
—————————————
पूछताछ में सामने आए कई तथ्य….
विजिलेंस की छानबीन के दौरान कई बातें सामने आई हैं। टाइगर रिजर्व पार्क में तो किशन चंद और बृजवासी ने बिना अनुमति के सरकारी रकम खर्च की ही थी इसके अलावा सोननदी और पाखरो रेंज में भी कई ऐसे काम कराए हैं जिनके खर्च के लिए विभागीय अनुमति नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह भी सामने आया है कि जंगलों को बढ़ावा देने और उनके लिए खर्च होने वाली मद (कैंपा फंड) का भी गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है। वहीं, विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर के एसपी “धीरेंद्र गुंज्याल का कहना है कि जेल भेजे गए बृजबिहारी से पूछताछ और छानबीन के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। जिनके आधार पर छानबीन आगे बढ़ रही है। अब किशन चंद की गिरफ्तारी के लिए स्टे बैकेट के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए जल्द ही कोर्ट में साक्ष्य पेश किए जाएंगे।
————————————-

बेटे के नाम पर स्टोन क्रशर, पत्नी के नाम स्कूल…..
किशनचंद ने अपने बेटे के नाम पर अभिषेक स्टोन क्रशर लगाया है। जबकि, पिरान कलियर में पत्नी के नाम से बृज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया गया है। पत्नी के नाम से एक ट्रस्ट भी बनाया गया है। अपने नाम संपत्ति खरीदने से किशनचंद ने लोन लिया, लेकिन अभी तक नहीं लौटाया गया। विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीनें आईएफएस किशनचंद ने अपने नाम कराई हैं। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान भी उन्होंने ख़रीदा है। मकान के लिए 60 लाख का ऋण स्कूल के ट्रस्ट से लिया गया है। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए हैं।