
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में भ्रष्टाचारियों पर उत्तराखंड एसटीएफ का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। अब तीन और आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई को मंजूरी मिल गई है। सरगना हाकम सिंह की तरह इन सभी आरोपियों की संपत्ति भी सीज की जाएगी। गौरतलब है कि इस मामले में चार अलग-अलग मुकदमों में अभी तक 54 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। चारों मुकदमों की विवेचना एसटीएफ के तेज तर्रार इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा कर रहे हैं।

उत्तराखंड एसटीएफ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि अब तक 21 लोगों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट में विवेचना की जा रही थी। विवेचना के दौरान तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ इस गिरोह के साथ मिलकर परीक्षा में धांधली किये जाने में सक्रिय भूमिका पाई गई। इसलिए गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह निवासी नजीबाबाद पोस्ट सूर्यनगर थाना किच्छा, उधमसिंहनगर, विपिन बिहारी पुत्र राम शंकर निवासी ग्राम न्यामपुर सीतापुर उत्तर प्रदेश हाल जानकीपुर लखनऊ व संजीव कुमार चौहान पुत्र हर्षरूप निवासी गाजियाबाद,उत्तर प्रदेश व मूल निवासी ग्राम ताराबाद मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश शामिल पर भी गैंगेस्टर की कार्रवाई करने के लिए संशोधित गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी देहरादून को भेजा किया गया था, जिसको जिलाधिकारी ने अनुमोदित कर दिया है।

अब पेपर लीक मामले में 24 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मामला न्यायालय में चलाया जाएगा। बताया कि पूर्व में 21 आरोपियोंं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही की जा रही थी, लेकिन अब 24 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि इन तीनों आरोपियों की चल-अचल सम्पत्ति को भी गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत सीज किया जाएगा।
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हरिद्वार में भी मिल चुकी हाकम की संपत्ति…..
पेपर लीक मामले में सबसे अधिक सुर्खियों में हाकम सिंह का नाम रहा है। एसटीएफ ने पूरे उत्तराखंड में हाकम की बेनामी संपत्तियां खोजी। यहां तक की हरिद्वार में रानीपुर झाल के पास भी हाकम सिंह के दो प्लॉट ढूंढ निकाले। जिनकी कीमत करोड़ों में है।

इस कार्य में भी इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा की भूमिका अहम रही है। गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में धांधली सामने आने पर यह मामला पूरे देश में चर्चाओं में रहा है। आयोग के चेयरमैन सहित कई बड़े ओहेदारों पर गाज गिर चुकी है। ज्यादातर आरोपी अभी जेल की हवा खा रहे हैं।