पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर में एक बैंक्वेट हॉल मालिक के नाबालिग बेटे ने टयूशन जाने बचने के लिए अपने अपहरण का ड्रामा रच डाला। छात्र ने घर पहुंचकर अपने अपहरण की कहानी बताई तो परिजनों के होश उड़ गए।
इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई तो दिनदहाड़े अपहरण की सूचना से अधिकारियों में हड़कंप मच गया। पुलिस आनन-फानन में अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुट गई। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जाने लगी।
पहले से ही दाल में काला होने की आशंका जता रही पुलिस ने चंद घंटे की छानबीन के बाद दूध कर दूध और पानी का पानी कर डाला। पता चला कि घर वाले छात्र पर टयूशन जाने का जोर देते थे, इससे बचने के लिए उसने अपने अपहरण की कहानी बनाई थी। छात्र को लगा था कि अपहरण के प्रयास की कहानी से डरकर परिजन उसे टयूशन भेजना छोड़ देंगे।
कुल मिलाकर कहानी फर्जी निकलने पर पुलिस और परिजनों ने राहत की सांस ली और छात्र को समझाते हुए आईंदा ऐसी हरकत न करने की हिदायत दी।
वहीं, पुलिस कप्तान अजय सिंह ने ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसएसआई अंशुल अग्रवाल सहित पूरी टीम की पीठ थपथपाई। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अपहरण के प्रयास का मामला झूठा निकला है, छात्र ने टयूशन से छुटकारा पाने के लिए पूरी कहानी बनाई थी।
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छात्र ने दिमाग लगाकर बनाई मनगढ़ंत कहानी……
पुलिस के मुताबिक, पीठ बाजार निवासी अनुराग झा ज्वालापुर में तीन बैंक्वेट हॉल चलाते हैं। उनका 11 वर्षीय बेटा देव रोजाना की तरह घर के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से साइकिल पर सवार होकर निकला था। कुछ देर बाद देव ने घर पहुंचकर बताया कि घर से कुछ दूरी पर दो अलग अलग दोपहिया वाहन पर सवार रहे चार युवकों ने उसे रोक लिया।
दो युवकों ने उसे बाइक पर बैठा लिया और एक युवक उसकी साइकिल लेकर चलने लगा। चौथा युवक अपने दोपहिया वाहन पर पीछे-पीछे हो लिया। कुछ दूर चलने के बाद एक साधुवेषधारी को देखकर युवकों ने बाइक रोक ली और उसके पैर छूने लगे। मौका पाकर वह जैसे-तैसे वहां से भाग निकला।
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पुलिस को कहानी पर हुआ शक……
अपहरण के प्रयास की सूचना पर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसएसआई अंशुल अग्रवाल मौके पर पहुंचे और बालक को साथ लेकर अपहरणकर्ताओं की तलाश की। पुलिस ने अभियान चलाकर संदिग्ध बाइक सवारों की चेकिंग भी की। लेकिन कहानी चूंकि फर्जी थी, इसलिए आरोपियों का कुछ अता-पता नहीं चल सका। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की, उसमें कहीं कुछ नजर नहीं आया। छात्र से जानकारी लेने पर उसके बयानों में विरोधाभास नजर आया। बाद में उसने कुबूल किया कि टयूशन जाने से बचने के लिए उसने झूठ बोला था।