हरिद्वार

निरंजन पीठाधीश्वर से मिले मौलाना अरशद मदनी, जबरन धर्मांतरण पर दिया बड़ा बयान..

कॉमन सिविल कोड पर रखी बेबाक राय, सियासतदानों पर लगाया हिंदू-मुस्लिम के बीच विवाद पैदा करने का आरोप..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जमीयत उलेमा ए हिन्द और दुनिया भर के इस्लामिक जगत में अपना अलग मकाम रखने वाले मदरसा दारुल उलूम देवबंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को हरिद्वार पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से मुलाकात की। दोनों धर्मगुरुओं ने धर्म, राजनीति और देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। अपने बेबाक अंदाज़ के लिए मशहूर मौलाना अरशद मदनी ने कॉमन सिविल कोड पर स्पष्ट रूप से असहमति जाहिर की।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने धर्मगुरू सैय्यद अरशद मदनी का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। धर्मांतरण और कॉमन सिविल कोड पर दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई।

फाइल फोटो

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी कैलाशनंद गिरि ने कहा कि धर्मगुरू मौलाना अरशद मदनी से अहम मामलों पर सकारात्मक चर्चा हुई है। जिसका देश व समाज में अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि अरशद मदनी ने बलात धर्मांतरण का विरोध किया और कॉमन सिविल कोड पर भी चर्चा की। सरसंघ चालक से भेंट के दौरान भी मौलाना अरशद मदनी ने इन्ही मुद्दों पर चर्चा की थी। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अरशद मदनी से पुनः भेंटकर देश व समाज को अच्छा संदेश देने का प्रयास किया जाएगा।

फाइल फोटो

वहीं, मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी से भेंटकर बहुत अच्छा लगा। मदनी ने कहा कि हमारे देश में हिन्दू मुसलमान सदियों से अमनचैन के साथ मिलजुल कर रहते आ रहे हैं। लेकिन सियासी पाटियां दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा करती रहती हैं।

फाइल फोटो: मदरसा दारूल उलूम देवबंद

उन्होंने कहा कि यदि दोनों तरफ से धर्म गुरूओं की आवाज एक साथ उठेगी तो मुल्क में अमनो अमन कायम होगा। देश खुशहाल होगा। मौलाना मदनी ने कहा कि धर्म परिवर्तन जबरन नहीं हो सकता है। ये स्वयं की इच्छा से होता है। जबरन किए गए धर्म परिवर्तन का कोई वजूद नहीं है। कॉमन सिविल कोड पर उन्होंने कहा कि जब मुल्क आजाद हुआ तो सेक्यूलर दस्तूर बनाया गया। जिसका मतलब है कि हर आदमी को अपनी पसंद के मजहब को अपनाने का अधिकार है। सरकार का कोई मजहब नहीं है। किसी को किसी धर्म का पाबंद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे कामन सिविल कोड से सहमत नहीं है।

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