
: ऐसी भी क्या मजबूरी, पंचायत छोड़ विधानसभा चुनाव जरूरी..
: समय पंचायत चुनाव का, तैयारियां विधानसभा चुनाव की…
पंच 👊🏻नामा
बी. कुमार:- हरिद्वार: पंचायतों में प्रशासकों की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है, लेकिन न जाने सरकार के सामने ऐसी क्या मजबूरी है कि वह पंचायत चुनाव बीच में ही छोड़ विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है, जबकि अब पंचायतों में बतौर प्रशासक बैठाए गए अफसरों का भी कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, लेकिन सरकार पंचायत चुनाव से इतनी डरी हुई है कि वह अब भी चुनाव न कराकर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।
मार्च में समाप्त हुए पंचायत के कार्यकाल के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने एडीओ पंचायतों को बतौर प्रशासक नियुक्त कर दिया था, पर नियमों के अनुसार प्रशासक भी छह महीने से अधिक पंचायतों पर राज नहीं कर सकते हैं, अब 30 सितंबर को प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे में प्रधानों के बाद प्रशासकों के कार्यकाल के भी बीस दिन से कम का समय रह गया है। पंचायतों का संचालन करने के लिए सरकार फिर से प्रशासकों को बैठाने के लिए अध्यादेश लाने पर काम कर रही है, क्योंकि अभी तक चुनाव कराए जाने के लिए कोई किसी भी प्रकार की सुगबुुगाहट दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ग्रामीणों की ओर से हाईकोर्ट से गुहार लगाई जा रही है, लेकिन वहां भी अभी तक निराशा ही हाथ लग रही है। इस हाल में ग्रामीण बिना जनप्रतिनिधियों के समय काट रहे हैं और अफसर प्रधानों की जगह प्रधानी कर रहे हैं।