पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर के चर्चित मुस्लिम फंड के करोड़ों रुपए गबन के मामले में पुलिस ने आखिरकार अब्दुर रज्जाक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने जिला पुलिस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का पर्दाफाश किया।सामने आया है कि मुस्लिम फण्ड में जमा धनराशि को अब्दुल रज्जाक व उसके साथी प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त कर उससे अपने निजी हित लाभ अर्जित कर रहे थे। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 से मुस्लिम फण्ड में जमा कराये गयी रकम को अपने साथियों नसीम उर्फ मुन्ना पुत्र जिन्दे हसन नि0 ग्राम सराय थाना ज्वालापुर हरिद्वार व मशरूर पुत्र इरसाद अली नि0 ग्राम सराय थाना ज्वालापुर हरिद्वार के सहयोग से ज्वालापुर के आस-पास प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त कर खासा लाभ अर्जित कर रहा था। इस दौरान अब्दुल रज्जाक को अपने उपरोक्त दोनों साथियों पर विश्वास हो गया साथ ही नसीम उर्फ मुन्ना व मशरूर को भी अब्दुल रज्जाक के पास मुस्लिम फण्ड में अच्छी खासी धनराशि जमा होने की बात पता लग गयी जिससे वह हमेशा मोटी रकम कमाने के लिए लालायित रहता था।वर्ष 2020 में मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना के द्वारा अब्दुल रज्जाक को बताया कि उनकी पहचान सम्भल निवासी अन्सार नाम के व्यक्ति से है जिसका साथी साजिद मुम्बई में रहता है साजिद का कोई जानने वाला लन्दन में रहता है जो अपने 100 करोड के काले धन को किसी पंजीकृत संस्था को दान देकर सफेद कराना चाहता है। संस्था में उक्त धनराशि आने के बाद 80 करोड रु0 उसे वापस करने होंगे व 20 करोड रु0 हमें मिल जायेंगे, जिससे लगभग 8-10 करोड़ का स्कूल आदि खोलकर हम कुछ सामाजिक कार्य कर लेंगे बाकि 8-10 करोड रु0 आपस में बांट लेंगे।
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आँखो पर लालच की पट्टी बंधने पर हुआ घोटाला….
मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना ने अब्दुल रज्जाक की मुलाकात सम्भल में अन्सार से व दिल्ली के रेडीसन होटल में साजिद से करवायी। इस दौरान साजिद से मिलाने के लिए मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना अब्दुल रज्जाक को लेकर मुम्बई व चेन्नई भी गये । साजिद द्वारा उपरोक्त धनराशि दिलवाने के एवज में अब्दुल रज्जाक से अलग अलग किस्तों में 3.5 करोड़ रु0 साजिद के खातों में व नगद के रूप में दे दिये थे। इस धनराशि को देने के लिए अब्दुल रज्जाक ने मुस्लिम फण्ड के 04 करोड़ में खरीदे गये फ्लाट को 02 करोड में बेच दिया व शेष 1.5 करोड रु0 की धनराशि मुस्लिम फण्ड के खाते से ली। कुछ दिन बाद साजिद का नम्बर बन्द आने लगा तो मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना व अन्सार उसे लगातार उसका पैसा न डूबने का भरोसा दिलाते रहे व पैसा न मिलने पर अन्सार के द्वारा लोनी गाजियाबाद में 25 बीघा भूमि का एग्रिमेन्ट उसके नाम करने का आश्वासन देते रहे।
फिर नोट बदलने के जाल में फंसे जाल साज
इस घटना के 6 महीने बाद मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना ने अब्बास नाम के व्यक्ति को अब्दुल रज्जाक से मिलवाते हुए कहा कि अब्बास के पास पुरानी करेंसी के 1000 करोड़ के नोट हैं जिसे वह नई करेंसी में बदलना चाहता है यदि कोई आदमी नई करेंसी में बदल ले तो अब्बास उसे अच्छा खासा कमीशन देने के लिये तैयार है। इस दौरान देहरादून में अब्दुल रज्जाक को दुबारा अब्बास से मिलवाया गया। अब्दुल रज्जाक को अब्बास पर विश्वास हो गया।वह नये नोटों को एक्सचेंज करवाने वाले की ढूंड खोज में लगा था कि एक दिन अचानक उसके पास सुरेश नाम के रात व्यक्ति का फोन आया कि उसे पता चला है कि रज्जाक को पुरानी करेंसी के नोटों की जानकारी है सुरेश ने कहा कि उसे सरकार से बन्द करेंसी के 10 हजार करोड़ के नोटों को 40% नई करेंसी में बदलने का टेण्डर प्राप्त है। वह मिलकर बात करना चाहता है। सुरेश व अब्दुल रज्जाक की आपस में बातचीत हुई, इस दौरान मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना भी उसके साथ थे। अब्बास ने अपना ट्रस्ट लखनऊ में होना बताया था, अतः तीनों अब्दुल रज्जाक, मशरूर व नसीम उर्फ मुन्ना, अब्बास के पुराने करेंसी के नोटों को प्राप्त करने के लिए लखनऊ गए, किसी कारणवश वहां डील नहीं हो सकी। इसके बाद अब्बास ने अब्दुल रज्जाक को एक दिन देहरादून बुलवाया और उसकी मुलाकात सन्नी, चौहान व शाहआलम नाम के व्यक्तियों से करायी और कहा कि शाहआलम के पास भी 01 हजार करोड रु० पुरानी की करेंसी है, लेकिन यह अपनी पुरानी करेंसी तभी दिखायेंगे। जब आप हमें 10 करोड़ की नई करेंसी दिखाकर विश्वास दिलाओगे कि तुम हमारे साथ धोखा नहीं करोगे। इस दौरान सन्नी व चौहान ने अब्दुल रज्जाक के साथ नई करेंसी के 10 करोड रु0 एडवांस में देने की बात की हामी भरी व सन्नी ने स्वयं 05 करोड़ देने का आश्वासन दिया व 05 करोड का इन्तजाम करने को अब्दुल रज्जाक को कहा
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संगम पैलेस लगाया दांव पर
अब्दुल रज्जाक ने तीन करोड रु० में संगम वैडिंग पैलेस की अपनी साझेदारी बेची व 02 करोड़ रु0 सन्नी ने उसे अपने साथी चौहान से दिलवाये जिसके बाबत अब्दुल रज्जाक ने चौहान को 02 करोड़ के चैक दिये। इसके बाद अब्दुल रज्जाक को बताया गया कि शाहआलम के दिये गये 01 हजार करोड नोटों को वे सुरेश के पास ले गये थे, लेकिन सुरेश ने उन रुपयों को गले-कटे होने के कारण लेने से मना कर दिया। अभी उन नोटों में से सही नोट की छटनी कर रहे हैं, सही नोटों को सुरेश ले लेगा इसी को लेकर अब्दुल रज्जाक को चालबाज चला रहे थे।
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देनदारी से बचने को हुआ फरार……
नसीम उर्फ मुन्ना व मशरूर से जब अन्सार से 3.5 करोड रु0 वापस दिलवाने के लिये कहा तो नसीम उर्फ मुन्ना व मशरूर, अब्दुल रज्जाक को 18 जनवरी को गाजियाबाद लोनी स्थित एक जगह पर ले गये जहां अन्सार ने अपने आदमियों को भी भेजा था व एक जमीन दिखाकर अब्दुल रज्जाक से कहा गया कि यह 25 बीघा जमीन अन्सार ने 4.5 करोड रु देकर अपने नाम एग्रीमेन्ट करा रखी है तुम भूस्वामी को 02 करोड देकर पूरी जमीन अपने नाम करा सकते हो। परन्तु मौके पर मात्र 3-4 बीघा जमीन ही थी बाकी पर प्लाटिंग हो रखी थी। उस दिन अब्बास को महसूस हुआ कि अन्सार व नसीम उर्फ मुन्ना उसका पैसा ठिकाने लगा चुके हैं जिसकी भरपायी मुश्किल है। इसके बाद दिनांक 20 को अब्दुल रज्जाक लोगों की देनदारी के चक्कर में घर से फरार हो गया। पुलिस टीम द्वारा अब्दुल रज्जाक के बयानों के आधार पर नसीम उर्फ मुन्ना व मशरूर की भी गिरफ्तारी कर ली गई है। जिनसे पूछताछ के आधार पर अन्य अभियुक्तों को भी चिन्हित कर लिया गया है, जिनके गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।————————————
“पुलिस टीम……..
1- आर0के0 सकलानी प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ज्वालापुर
2- सन्तोष सेमवाल व0उ0नि0 कोतवाली ज्वालापुर
3- उ0नि0 सुधांशु कौशिक चौकी प्रभारी चौकी रेल ज्वालापुर
4- उ0नि0 रणजीत तोमर प्रभारी सी0आई0यू0 हरिद्वार
5- उ0नि0 महिपाल सिंह कोतवाली ज्वालापुर
6- उ0नि0 सुनील रमोला कोतवाली ज्वालापुर
7- उ0नि0 जयवीर रावत कोतवाली ज्वालापुर
8- उ0नि0 पूजा पाण्डेय कोतवाली ज्वालापुर
9- उ0नि0 सन्दीपा भण्डारी कोतवाली ज्वालापुर
10- उ0नि0 वजिन्द्र सिंह नेगी कोतवाली ज्वालापुर
11- एएसआई सुन्दर लाल सीआईयू हरिद्वार
12- का0 त्रिभुवन सीआईयू हरिद्वार
13- का0 उमेश सीआईयू हरिद्वार
14- हे0का0 अनुप कोतवाली ज्वालापुर
15- का0 699 दिनेश कोतवाली ज्वालापुर