
पंच👊नामा-ब्यूरो
अरशद ख्वाजा, हरिद्वार: उपनगरी ज्वालापुर में अचानक सैकड़ों बंदरों ने घरों पर धावा बोल दिया। बंदरों ने छतों पर कूद फांद मचाते हुए चंद घंटों में ही आतंक मचा दिया।

कहीं छतों पर सुखाने के लिए फैलाए गए कपड़े फाड़ डाले तो कहीं पानी की टंकियां तोड़ दी। इतना ही नहीं, कई जगह महिलाओं को काटने की खबरें भी मिल रही है।

रात में भी बंदर लोगों की छतों पर ही डेरा डाले रहे। ऐसा माना जा रहा है कि कहीं दूर से लाकर इन बंदरों को ज्वालापुर आबादी क्षेत्र में छोड़ दिया गया है।

जिससे लोग परेशान हैं और वन विभाग व नगर निगम से बंदरों को पकड़ने की मांग उठा रहे हैं। जल्द बंदरों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो लगातार जान व माल का नुकसान हो सकता है।

ज्वालापुर के मोहल्ला कोटरवान, मंडी का कुआं, कैथवाडा, मैदानियान, मालियान, तेलियान आदि मोहल्लों में गुरुवार की शाम अचानक सैकड़ों बंदर आने से हड़कंप मच गया। बंदरों ने एक छत से दूसरी छत पर छलांग लगाते हुए नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।

बंदरों ने छतों पर फैलाए गए कपड़े फाड़ डाले और खाने पीने का सामान ले उड़े। स्थानीय निवासी डॉ जुल्फिकार खान, रविंद्र कुमार, सरफ़राज़ खान, क़ादिर, जितेंद्र, अमित कुमार, रहमान खान, शहजाद, आसिफ, नासिर अंसारी, मुबारिक आदि ने बताया कि गुरुवार की शाम अचानक बड़ी तादाद में बंदर क्षेत्र में आ पहुंचे।

रात तक बंदरों ने कई घरों में कपड़े, कीमती सामान और पानी की टंकियां फोड़ डाली। भगाने पर कई जगह बंदरों ने हमला भी किया। बंदरों ने रात तक छतों पर ही डेरा जमाया हुआ था।

जिससे महिलाएं घर के काम के लिए छत पर जाने से भी डर रही हैं। स्थानीय निवासियों ने जल्द से जल्द बंदरों को पकड़ने की मांग उठाई है। इस समस्या को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही वन विभाग के अधिकारियों से भी मिलने की तैयारी में है।

वहीं इतनी बड़ी संख्या में बंदरों को ज्वालापुर क्षेत्र के घनी आबादी वाले इलाकों में छोड़ने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग सीधे तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि विभाग ने जानबूझकर दूसरे क्षेत्रों से बंदर लाकर यहां छोड़े हैं। जल्द अंकुश नहीं लगाया जाता है तो लोग सड़कों पर उतरेंगे। पूर्व सभासद सरफ़राज़ अहमद गौड़ ने बताया अचानक बंदरो का झुंड ज्वालापुर में आतंक मचा रहा है, ये गंभीर समस्या है, इस सम्बंध में अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।