
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जिले में फर्जी पत्रकारों की करतूतें लगातार सामने आ रहे हैं। हाल यह है कि प्रेस क्लब और पत्रकार संगठनों की मांग के बावजूद ऐसे तत्वों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा जिला मुख्यालय के आस-पास ही फर्जी और कथित पत्रकारों की फौज ने कइयों की नाक में दम किया हुआ है।

ताजा मामला भी रोशनाबाद क्षेत्र में ही सामने आया है। मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस कार्रवाई से बचाने की एवज में एक कथित पत्रकार ने अपने ही गांव के युवकों से 20 हजार की वसूली कर ली।

चर्चा यह भी है कि रकम मिलने तक युवकों को अपने दफ्तर में बैठा कर रखा गया। लेकिन रकम के बजाय इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस तक पहुंच गई। पुलिस तत्काल हरकत में भी आई और कथित पत्रकार को सिडकुल थाने बुलाकर पूछताछ भी की।

मगर हैरानी की बात यह है कि महज लिखित माफीनामा लेकर पूरा मामला रफा-दफा कर दिया गया। जिले के कई थानों चौकियों में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

इसके बावजूद कार्रवाई ना होने से सवाल उठने लाजमी है कि फर्जी और कथित पत्रकारों को संरक्षण देने में कहीं ना कहीं पुलिस की भूमिका भी शामिल रहती है। गौरतलब है कि हाल ही में पत्रकारिता की मर्यादा और गरिमा को तार-तार करने वाली कई घटनाएं सामने आई हैं। फर्जी तरीके से प्रेस लिखे वाहनों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। प्रेस क्लब हरिद्वार में इस बाबत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भी भेजा है। जिसमें पत्रकारिता को बदनाम करने वाले तत्वों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की गई है। यह समस्या केवल एक थाना कोतवाली की नहीं है, बल्कि कई थाना और चौकियां तो कथित पत्रकारों का अड्डा बनी हुई हैं। चंद पुलिसकर्मी अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे तत्वों को पनाह देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।