पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी की प्रमुख सामाजिक संस्था अभिप्रेरणा फाउंडेशन के उत्सव कार्यक्रम में बाल विवाह, एसिड अटैक और घरेलू हिंसा पर लघु नाटिका से महिला उत्पीड़न पर जोरदार प्रहार किया गया। महिला शक्ति को नमन करने के साथ ही संस्था की ओर से गोद लिए गए सरकारी स्कूलों में पूरे साल के शैक्षिक, रचनात्मक कार्यों को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।गौरेया की घटती संख्या पर मंथन करते हुए सरंक्षण की अलख भी जगाई गई।
सिडकुल के गार्डेनिया होटल में कार्यक्रम का शुभारंभ डा. दीपेश चंद प्रसाद, पिंकी प्रसाद, संजीव गुप्ता, शोभना गुप्ता, अवनीश मिश्रा, पक्षी वैज्ञानिक डा. विनय सेठी, डा. शिव कुमार चौहान ने सयुंक्त रूप से किया।
- मुख्य अतिथि के तौर पर उप खंड शिक्षाधिकारी दीप्ति यादव ने अभिप्रेरणा फाउंडेशन और पैनासॉनिक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में बदलाव आया है। संदीप कुमार और मोनिका शर्मा ने प्रोत्साहित गीत ने जीवन की चुनौतियों से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अभिप्रेरिता प्रसाद, मोनिका शर्मा, अवनीश कुमार, जितेंद्र कुमार, रीमा धीमान, वैशाली शर्मा, सुशीला तेजयान, अमित वर्मा, संदीप कुमार ने बाल विवाह, एसिड अटैक और घरेलू हिंसा की घटनाओं पर लघु नाटिका प्रस्तुत कर जागरुकता व कड़े कानून की जरूरत जताई। डा. दीपेश ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान सर्वोत्तम है, जहां नारी का सम्मान होता है, वहां ईश्वर का वास होता है। समन्वयक पिंकी प्रसाद ने समाज में बदलाव लाने की दिशा में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। पर्यावरण सरंक्षण के लिए कार्यरत उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षी वैज्ञानिक डा. विनय सेठी ने प्रोजेक्ट के माध्यम से गौरेया की घटती संख्या के कारण बताए और इनके अभियान के रूप में सरंक्षण संवर्द्धन पर बल दिया। मुहिम में शामिल होते हुए अभिप्रेरणा फाउंडेशन की ओर से सभी अतिथियों को उपहार के तौर पर गौरेया का घोंसला भेंट किया गया। होली मिलन के कार्यक्रम में पिंकी प्रसाद, परमीत कौर और उजाला सिंह ने भंगड़े पर शानदार प्रस्तुति देते हुए झूमने पर मजबूर कर दिया। काशवी, रीमा, उजाला ने राधा-कृष्ण के भक्ति गीत पर नृत्य पेश किया। डा. शिवकुमार चौहान के कुशल और सफल संचालन में आयोजित “उत्सव” का समापन फूलों की होली से हुआ।