हरिद्वार जेल से शिफ्ट हुआ प्रवीण वाल्मीकि, राठी को शिफ्ट करने की चिट्ठियां शासन में “क़ैद”..
हाइकोर्ट ने दिए थे प्रवीण को ग़ैर राज्य शिफ्ट करने के आदेश, जेल प्रशासन को मिली आंशिक राहत..

पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार/सचिन चौधरी, हरिद्वार: कुख्यात सुनील राठी की सरपरस्ती में अपराध का ककहरा सीखने वाले गैंगस्टर प्रवीण वाल्मीकि को आखिरकार नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर हरिद्वार से सितारगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया।

दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रवीण वाल्मीकि को वह राज्य शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। लेकिन किसी भी कैदी को गैर राज्य शिफ्ट करने की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी होने के चलते फिलहाल प्रवीण वाल्मीकि को उधमसिंह नगर के सितारगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

इससे हरिद्वार जिला कारागार प्रशासन को आंशिक राहत जरूर मिली है, लेकिन कई बार पत्राचार करने के बावजूद कुख्यात सुनील राठी को हरिद्वार से शिफ्ट करने को लेकर अभी कोई फैसला शासन नहीं ले पाया है।

यह चिट्ठियां भी शासन के दफ्तरों या फिर अफसरों की मुट्ठियों में जाकर कैद हो गई हैं। सुनील राठी और उसके कई करीबी गुर्गे फिलहाल भी रोशनाबाद जिला कारागार में बंद हैं।
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“तिहाड़ जेल से अचानक पहुंचा था राठी…….

लगभग 10 माह पहले सुनील राठी नाटकीय अंदाज में अचानक दिल्ली की तिहाड़ जेल से हरिद्वार जेल में शिफ्ट हो गया था। हालांकि, राठी काफी समय से हरिद्वार शिफ्ट होने की जद्दोजहद में लगा हुआ था। लेकिन अफसरों की सक्रियता के चलते वह कामयाब नहीं हो पा रहा था। इस बार राठी ने कानूनी दांवपेच का सहारा लेते हुए जिला जेल में एंट्री मारी।

उस दिन के बाद से जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। रही कसर पिछले दिनों सिडकुल क्षेत्र में सामने आए 50 लाख की रंगदारी की घटना को ने पूरी कर दी। पुलिस ने इस मामले में राठी पर कार्रवाई करने के साथ ही उसके दोगे अजीत खोखर और सुशील गुर्जर को भी गिरफ्तार कर रोशनाबाद जेल भेज दिया। जबकि इन सबसे पहले प्रवीण वाल्मीकि लगभग सवा साल से यहां पहले ही बंद चला रहा था।

इतनी बड़ी संख्या में कुख्यात जिला कारागार में एक साथ इकठ्ठा होने पर न सिर्फ जेल प्रशासन बल्कि पुलिस प्रशासन की भी चिंता बढ़ गई। बताया गया है कि जेल प्रशासन की ओर से कई बार राठी को शिफ्ट करने के संबंध में शासन को पत्र भेजे जा चुके हैं। लेकिन यह पत्र अफसरों के दफ्तरों में धूल फांक रहे हैं। इन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

हालांकि इसके पीछे कई तरह की चर्चाएं बनी हुई है। मगर हाईकोर्ट का दबाव पड़ने पर अधिकारियों ने जिस तेजी के साथ प्रवीण वाल्मीकि को शिफ्ट किया है, उतनी ही गंभीरता से हरिद्वार जिले की संवेदनशीलता और जेल में स्टाफ की कमी सहित अन्य पहलुओं पर ध्यान दिया जाए तो राठी को भी अभिलंब शिफ्ट किया जाना जरूरी है।
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“राज्यपाल ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा……

गैंगस्टर प्रवीण वाल्मीकि के खिलाफ जिले में रंगदारी, हत्या के प्रयास, हत्या, गैंगस्टर एक्ट के तहत कई मुकदमें दर्ज हैं। जिले के रहने वाले राजपाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बताया था कि प्रवीण वाल्मीकि के नाम से पांच लाख की रंगदारी मांगी गई थी और न देने पर हत्या कर देने की धमकी दी गई थी। जान माल का खतरा जताते हुए प्रवीण वाल्मीकि को हरिद्वार से शिफ्ट करने की गुहार लगाई गई थी।

तब हाइकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि प्रवीण वाल्मीकि को किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट कर दिया जाए। किसी कैदी को दूसरे राज्य में शिफ्ट करने के लिए नियमानुसार संबंधित राज्य की सहमति जरूरी होती है। 2 राज्यों के शासन से जुड़ी होने के चलते ही है प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। तकनीकी प्रिंस को देखते हुए अफसरों ने बीच का रास्ता निकालते हुए फिलहाल प्रवीण बाल्मीकि को हरिद्वार जेल से सितारगंज शिफ्ट कर दिया है।