
पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: ज्वालापुर आर्य नगर स्थित चंदन वाले मजार को आखिरकार जिला प्रशासन ने विरोध के बावजूद हटवा दिया। भारी संख्या में पुलिस बल के साथ सरकारी अमला ज्वालापुर पहुंचा और कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई को लेकर मुस्लिम समाज ने विरोध जताते हुए नारेबाजी की, लेकिन भारी पुलिस बल के चलते उनका विरोध कारगर साबित नहीं हुआ।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन इन दिनों सरकारी जमीनों से कब्जे हटाने को लेकर अभियान चला रहा है। हाल ही में बहादराबाद स्थित करीब डेढ़ सौ साल पुरानी पंचक्की के जर्जर भवन हटाने के साथ ही मजार को भी ध्वस्त कराया गया था।

जिसके बाद मुस्लिम समाज के नेता और जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए और उन्होंने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे से मुलाकात की थी। शुक्रवार को खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी ज्वालापुर के मुस्लिम समाज के साथ जिलाधिकारी से भेंट की थी।

जिसमें जिला प्रशासन ने मजार को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही थी। प्रशासन के इस प्रस्ताव पर कोई सहमति बनती, इससे पहले शनिवार को मजार हटाने के लिए सरकारी अमला भारी पुलिस बल के साथ ज्वालापुर पहुंच गया। कुछ ही देर में मजार हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

इस खबर पर हम मुस्लिम समाज में भी गहमागहमी बढ़ने लगी। किसी भी तरह का विरोध सामने आने पर उससे निपटने की तैयारी पुलिस प्रशासन ने पहले से की हुई थी। यही वजह है कि जैसे ही नारेबाजी शुरू की गई पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया और उन्हें बैरिकेडिंग से दूर हटा दिया। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की ओर से आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई है।
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“वादे से मुकरने का आरोप…
पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में नगर निगम की जेसीबी से मजार समेत पूरा स्ट्रक्चर ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन पर वादे से मुकर ने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की। लेकिन भारी पुलिस बल मौजूद होने के कारण विरोध का कोई असर प्रशासन की कार्रवाई पर नहीं पड़ा।
इस मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी बनी हुई है और एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए शहर में अन्य सरकारी विभागों की जमीनों पर बने दूसरे धर्म स्थल हटाने की मांग भी की जा रही है। मौके पर कई अधिकारियों को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जटवाड़ा पुलिस से सिंचाई विभाग की जमीन समेत शहर के चौक चौराहों पर बने अन्य धर्म स्थलों को भी हटाने की मांग की।