
पंच👊नामा-ब्यूरो
विधि संवाददाता, हरिद्वार: फैक्ट्री कर्मचारी की हत्या के मामले में दोनों अभियुक्तों को द्वितीय अपर सेशन जज अनिरुद्ध भट्ट की अदालत ने दोषमुक्त कर दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान अहमद खान ने अपनी दलीलों से पुलिस की थ्योरी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। हत्या के खुलासे के दौरान रुपयों के लेन-देन सहित पुलिस के अन्य दावों को अभियोजन पक्ष अदालत में साबित नहीं कर सका। कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

मामला 15 जून साल 2016 में बहादराबाद थाना क्षेत्र का है। गणपति बैंकट हॉल के पीछे निर्माणाधीन मकान में फैक्ट्री कर्मचारी कन्हैया लाल का खून से लथपथ शव मिला था। गन्ना विभाग से रिटायर्ड उसके पिता कल्याण सिंह निवासी अलीगढ़ हाल निवासी बहादराबाद ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच तत्कालीन थानाध्यक्ष अमर चंद शर्मा ने की थी। पुलिस ने कुछ दिन बाद नितेश तिवारी निवासी मुरादाबाद उत्तर प्रदेश और विनोद सोनी निवासी रामपुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा करने का दावा किया था। पुलिस का कहना था कि दोनों आरोपी कन्हैयालाल के साथ ही सिडकुल की हीरो कंपनी में काम करते थे और उनके बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। उनका कहना था कि कन्हैयालाल उनसे उधार लिए गए पैसे नहीं लौटा रहा था और उनका फोन भी नहीं उठा रहा था। इससे खिन्न होकर दोनों ने गमछे से गला घोट कर उसकी हत्या कर दी और रुपयों की जरूरत होने के चलते सामान चोरी कर बेच दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कुछ भी बरामद दिखाया था। जेल जाने के बाद दोनों आरोपी जमानत पर छूट गए थे।

इस मामले में विनोद टोनी की ओर से अधिवक्ता सलमान अहमद एडवोकेट और नितेश तिवारी की ओर से बलवीर एडवोकेट ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान अहमद खान ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि कन्हैया और दोनों अभियुक्तों के बीच रुपयों के लेन-देन का कोई साक्ष्य पुलिस अपनी जांच में साबित नहीं कर सकी है।

मौके से मिले सामान से फिंगरप्रिंट का मैदान भी नहीं कराया गया। साथ ही किसी प्रत्यक्षदर्शी ने भी उनको कन्हैया की हत्या करते हुए नहीं देखा। इसके अलावा और भी कोई ऐसा ठोस सुबूत पुलिस ने पेश नहीं किया है। द्वितीय अपर सेशन जज अनिरुद्ध भट्ट की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने और गौर करने के बाद यह माना कि अभियोजन पक्ष द्वारा परिस्थितिजन्य तथ्यों के आधार पर परिस्थितियों की ऐसी कडियो की श्रंखला साबित नहीं की गई जिससे एकमात्र यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि अभियुक्तों ने ही मृतक की हत्या की है। लिहाजा कोर्ट ने दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।