जिगर के टुकड़ों को मिलाकर परिजनों के चेहरे पर चमक ले लाई पुलिस..
बिछड़े हुए बच्चों और बुजुर्गों का सहारा बन रहा हरिद्वार पुलिस..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: “घर से मस्जिद बहुत दूर.. चलो यूं कर ले,, किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए,, मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली का ये शेर हरिद्वार पुलिस पर एक दम सटीक बैठ रहा है। हरिद्वार पुलिस लगातार खोये हुए मासूमों को उनके परिजनों से मिलवाने में अहम भूमिका निभा रही है और मायूस चेहरों पर मुस्कान लाने का काम कर रही है। इसी कड़ी में हरिद्वार पुलिस ने एक ही दिन में चार मासूम बच्चों को इनके परिजनों से मिलवाया, जिसके बाद परिवारजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया और खूब प्रशंसा की।दरअसल भगवानपुर थाना क्षेत्र में दो नाबालिग लड़की नशरा उम्र 12 वर्ष और मिसबा उम्र 8 वर्ष पुत्री अमजद अली जो भगवानपुर क्षेत्र में लावारिस अवस्था में घुमते हुए स्थानीय लोगो को मिली, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से थाना भगवानपुर में लाया गया। पुलिस के अथक प्रय़ास के बाद दोनो नाबालिक बच्चियों के परिजनों से संपर्क कर थाने बुलाया और दोनो बच्चियों को पिता अमजद अली व माता बिलकिश के सुपुर्द किया गया।
वही भगवानपुर थाना क्षेत्र के हल्लुमजरा निवासी ऋतु पुत्री शीश कुमार उम्र 17 वर्ष जो कि अपने घर से बिना बताए चली गई थी जो कस्बा भगवानपुर में घूमती हुई मिली, जिन्हे पुलिसकर्मचारी थाने पर लेकर आए और ऋतु के परिवार जनो से सम्पर्क कर परिजनों के सुपुर्द किया गया।
इसके साथ ही सर्वानंद घाट पर एक बच्ची के अकेले घूमने की सूचना पर चेतककर्मी तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्ची को विश्वाश में लेकर परिजनों की तलाश के लिए चौकी लेकर आए। बच्ची के परिजनों की तलाश हेतु घाटों, स्टेशनों पर जाकर जानकारी की गई साथ ही सिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट कराया गया। जिसके चलते बच्ची के परिजन तलाश करते हुए सिटी कंट्रोल रूम हरिद्वार पहुंचे जहां उनको बच्ची के चौकी खड़खड़ी में होने की जानकारी दी गयी। जिस पर बच्ची के परिजन चौकी खड़खड़ी पर आए जहाँ पुलिस टीम ने उस बच्ची को सकुशल परिजनों के सुपुर्द किया गया। इस त्वरित कार्रवाई पर परिजनों ने पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया और जमकर तारीफ की।