
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: वकील की ड्रेस में आए कुछ बदमाशों ने लखनऊ की कचहरी में पेशी के दौरान गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ़ संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मुख्तार अंसारी का करीबी संजीव जीवा इस समय कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में जेल में बंद था, और बुधवार को लखनऊ में पेशी पर आया था। तभी वकील की ड्रेस में आए बदमाशों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।

घटना के बाद लखनऊ की कचहरी में अफरा-तफरी का माहौल है, एक बच्ची की भी गोली लगने से मृत्यु होने की सूचना है और चार-पांच लोग घायल बताए जा रहे है। जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल है। घटना के बाद वकीलों ने कचहरी में हंगामा कर दिया है, वही हत्यारा पुलिस की गिरफ्त में है।

बताया जा रहा है कि वकीलों ने हत्यारोपी को बुरी तरह से घायल कर दिया है पुलिस उसे वकीलों से बचा कर ले गई है। उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की के कई सफेदपोश माफिया, कारोबारियों व नेताओं से भी कुख्यात व उसके परिवार के नजदीकी सम्बंध थे। उसके खिलाफ रुड़की और हरिद्वार में रंगदारी सहित गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज चले आ रहे हैं।

संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का मूल निवासी था। बताया जाता है कि संजीव जीवा आज लखनऊ की sc-st कोर्ट में पेशी पर आया था जहां चार-पांच बदमाशों ने वकील की ड्रेस में आकर अदालत में घुसकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस गोलीबारी में एक बच्ची भी घायल हुई थी जिसकी भी मृत्यु की खबर है।

—————————————————–
“अपराध की दुनिया का “डॉक्टर” था जीवा…..
संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। इसीलिए जीवा को अपराध की दुनिया में डॉक्टर के नाम से भी जाना जाता रहा। उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया।

जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं।

वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी। जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और हार गई थी