
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: एक देसी कहावत है कि “पानी वही भरता है, जहां गड्ढा होता है। इस कहावत को फर्जी पत्रकारों के गैंग ने सही साबित कर दिखाया। फर्जी पत्रकारों के गैंग की वसूली को लेकर “पंच👊नामा… की न्यूज़ सीरीज में किसी भी फर्जी पत्रकार का नाम अभी तक उजागर नहीं किया गया।

लेकिन लक्सर और पथरी क्षेत्र में सक्रिय कुछ “फूंकनीबाज फ़र्ज़ी पत्रकार कई दिन से नोटिस की गीदड़ भभकी दिखाते हुए चीख-चीख कर यह साबित कर रहे हैं कि “हां हमने वसूली की थी। बेशर्मी की हद यह है कि फर्जी गैंग का सरगना अपने सदस्यों को ही गुमराह कर उनके लिए मुश्किलें खड़ी करने का काम कर रहा है।

फर्जी गैंग की बिलबिलाहट से वसूली कांड में तहरीर लिखने के बावजूद फर्जी पत्रकारों के पैर पकड़ने पर शिकायत से इनकार करने और बयानबाजी करने वाले ग्रामीण की भूमिका पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। “पंच👊नामा… ऐसी गीदड़ भभकियों और धमकियों को कतई गंभीरता से नहीं लेता है। इस पूरे प्रकरण में एक अच्छी बात यह है कि पूरा गैंग वसूली का डेली रूटीन छोड़कर सफाई देने में ही जुटा हुआ है। पहले तो उन्हें वसूली का टाइम ही नहीं मिल पा रहा है।

दूसरा यह भी डर है कि पोल खुलने के कारण कहीं कोई जागरूक नागरिक जूते-चप्पल और लाठी डंडे से ही स्वागत ना कर दे। वहीं इस घटना का असर पूरे जिले भर में देखा जा रहा है। जिसका नतीजा यह हुआ कि ऐसे कई और गैंग इन दिनों भूमिगत हो गए हैं।

हरिद्वार, सिडकुल, बहादराबाद क्षेत्र में भी पिछले एक सप्ताह से फर्जी पत्रकारों की गतिविधियां कम हुई हैं। कम से कम इसी बहाने से ही सही आम जनता को फर्जी गैंग की वसूली से राहत मिली है। कई जुझारू पत्रकार संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने इसके लिए “पंच👊नामा… का आभार जताया है। यह भी हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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“गैंग में बाहरी और आपराधिक तत्व शामिल……..

फर्जी पत्रकारों के गैंग में देहात के भोले-भाले और सीधे-साधे लड़कों के अलावा बाहरी लोगों को भी शामिल किया गया है। ऐसी सूचनाएं भी मिल रही है कि उनका आपराधिक इतिहास भी है। अच्छी बात यह है कि एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस पहले से ही इन दिनों बाहरी लोगों की कुंडली निकालते हुए सत्यापन अभियान चला रही है। ऐसे में गैंग में शामिल फर्जी और बाहरी लोगों का सत्यापन होने से कई के चेहरे से नकाब हटना तय माना जा रहा है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सभी थाना कोतवाली की पुलिस को बाहरी लोगों के सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। अभियान के दौरान बाहरी आपराधिक तत्व पकड़ में आते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।
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“मुफ्त के पराठे खाने वाला फर्जी पत्रकार फिर सक्रिय…..

पत्रकारिता की छवि को धूमिल करने वाले कुछ फर्जी पत्रकार पुलिस की कार्रवाई से भी सबक नही ले रहे है। मुफ्त के पराठे, और जी हुजूरी की लत ऐसी पड़ी की जालिम छूटती ही नही। गौरतलब है कि कलियर थाना पुलिस कुछ समय पूर्व एक फर्जी पत्रकार को मुफ्त के पराठे खाने और ठेले वाले को धमकाने के आरोप में जेल भेजा था, काफी दिन जेल की हवा खाने के बाद कथित पत्रकार एक बार फिर क्षेत्र में सक्रिय हो गया है, सूत्र बताते है कि कथित पत्रकार अपने पुराने ठिकाने (रैनबसेरा) पर अपनी संधिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।