हरिद्वार

धर्मगुरु बोले, हिंदुस्तान सभी धर्मों का गुलदस्ता, हरिद्वार और कलियर पूरी दुनिया को देते हैं मोहब्बत का पैग़ाम..

पिरान कलियर में हुआ सर्वधर्म सम्मेलन, उठी "एकता-अखंडता मोहब्बत और भाईचारे की आवाज़..

पंच👊नामा
पिरान कलियर: ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के बैनर तले देशभर की दरगाहों के सज्जादो की एक बैठक हज हाउस पिरान कलियर में आयोजित की गई, जिसमे काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अजमेर शरीफ़ दरगाह के सज्जादानशीन सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती की सरपरस्ती में सज्जादगान ने अपने-अपने विचार रखें। दरगाहों में होने वाली रसुमात, वक्फबोर्ड की दखलंदाजी, सज्जादगान के हुक़ूक़, खानकाहों की कारगुजारी आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही कांउसिल के तहत “पैगाम ए हिन्द” सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमे सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने शिरकत की।शनिवार को विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पिरान कलियर हज हाउस में “ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल” की ओर से पैगाम ए हिन्द, सर्वधर्म सम्मेलन व सज्जादो की अखराजत को लेकर एक बड़ा कार्यक्रम मुनक़्क़ीद किया गया। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक देशभर से आए तमाम दरगाहों के सज्जादगान ने बैठक की। बैठक में काउंसिल के अध्यक्ष व ख्वाजा गरीब नवाज अजमेरी के सज्जादानशीन सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती के समक्ष अपनी-अपनी समस्याओं को रखा। सज्जादो के हुक़ूक़, वक्फबोर्ड की दखलंदाजी, खानकाही निजाम समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। दोपहर 3 बजे के बाद सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें तमाम धर्मों के धर्मगुरुओं ने शिरकत की। इस दौरान धर्मगुरुओं ने आपसी भाईचारे, देश की एकता, अखंडता, गंगाजमुनी तहजीब को कायम रखने के लिए अपने-अपने विचार रखें।धर्मगुरुओं ने कहा भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश हैं जहां आस्था, श्रद्धा और विश्वास की त्रिवेणी का संगम न केवल शहरों बल्कि गांव देहातों में देखा जाता है। हरिद्वार धर्म और आध्यात्म की ऐसी अनुपम नगरी हैं जहां नित दिन अधिकांष आश्रमों, खानकाहों से धर्म और आध्यात्म आधारित उपदेश गूंजते हैं। कलियर से सूफियों के मानव कल्याण का संदेश देते प्रवचन सुनाई देते है। दुनिया को विश्व बन्धुत्व का संदेश देती दो धर्मनगरी हरिद्वार और कलियर ने दुनिया भर में वैचारिक स्तर पर लड़ रहे लोगां का ईश्वर एक होने और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म होने का संदेश दिया हैं, जो मानव को मानव के जोड़ने का काम किया है। ————————————–
हुकूमत से बेहतर ताल्लुक़ स्थापित करना……
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया काउंसिल का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंज़ीमों व हुकूमत से अच्छे संबंध बनाना है। खानकाहों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं स्थापित करना, और खानकाही निज़ाम में आरही दिक़्क़तों को को दूर करने के लिए काउंसिल लगातार काम करती है।
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सूफी संतों ने दिया भाईचारे का पैगाम……
दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन व काउंसिल के उत्तराखंड प्रदेश सदर शाह मंजर अली एज़ाज़ कुद्दुसी साबरी ने सर्वधर्म सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि ये वो हिंदुस्तान है जहां सभी धर्मों-मजहबो के लोग आपसी प्यार, मोहब्बतों के साथ मिलजुल रहते है। उन्होंने कहा दुनियाभर से आने वाले जायरीन (श्रद्धालु) हजरत मख्दूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह में जियारत कर अपनी मन्नत मुरादे मांगते है और साथ ही गंगा स्नान का पुण्य लाभ भी अर्जित करते है। सनातन और इस्लाम संस्कृति का अनभुत संगम यहां नजर आता है। उन्होंने कहा गंगा और सूफी सन्तों ने मानव को मानव से जोड़ने का काम किया है जिस तरह गंगा बिना किसी भेदभाव के सबकी प्यास बुझाती है वैसे ही सूफियों और वलियों की दरगाह से भी हर मजहब-ओ- मिल्लत के लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
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वक्फबोर्ड पर बोला हमला…….
बैठक में अधिकांश सज्जादागान ने खानकाही निजाम में वक्फबोर्ड की बेवजह दखलंदाजी पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने काउंसिल के अध्यक्ष के समक्ष वक्फबोर्ड की कारगुजारी को बयां किया, साथ ही दरगाह पर “दरगाह एक्ट” लागू कर सज्जादागान के हुक़ूक़ को कायम करने की मांग की। उन्होंने कहा वक्फबोर्ड दरगाहों पर विलेन की भूमिका निभा रहा है, खानकाही निजाम में छेड़छाड़ कर सज्जादो को बेवह परेशान करने का काम किया जा रहा है, इसलिए वक्फबोर्ड को उसकी असल जिम्मेदारी से आशना करने की जरूरत है।
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दस्तारबंदी पर उठाए सवाल….
सज्जादगान की बैठक में दरगाहों से होने वाली बेवजह और दिखावटी दस्तारबंदी पर भी सवाल उठाए गए। कहा कि दस्तारबंदी करने का हक़ सिर्फ खानकाही सूफियों का है, लेकिन कुछ समय से कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को दरगाह शरीफ से चादर उठाकर दस्तारबंदी कर देता है, जो निजाम के खिलाफ है इसपर भी रोक लगनी चाहिए।
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प्राचीन मजारों को हटाए जाने पर नाराजगी….
सरकारी भूमि से हटाए जा रहे प्राचीन मजारों को लेकर भी बैठक में आवाज उठी। हाल ही में पिरान कलियर स्थित पीर ग़ैब अली शाह के मजार को 24 घण्टे के भीतर हटाए जाने का नोटिस जारी किया गया था, जो सैकड़ो वर्षों आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा ऐसे प्राचीन मजार जो लाखो करोड़ो लोगो की आस्था का केंद्र है, उसे तोड़ा नही जाना चाहिए।
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इन्होंने की शिरकत…………
गैब्रिल जोजफ पादरी आईआईटी रुड़की चर्च, ज्योतिषचार्य पंडित रजनीश शास्त्री प्राचीन हनुमान मंदिर रुड़की, सरदार सुरजीत सिंह चन्दोल रुड़की गुरुद्वारा बीटिंग, नय्यर मियां सज्जादानशीन रदौली शरीफ। डॉ शमिमुद्दीन मुनामी, सज्जादानशीन दरगाह मुंमिया पटना बिहार, गुड्डू मियां सज्जादानशीन गंगोह शरीफ, डॉ हबीबुर्रहमान नियाजी जयपुर, सैय्यद काशिफ़ पाशा गुलबर्गा शरीफ, बाबा सुफियान रईस सज्जादानशीन बज़्म ए तसल्लिया। सैय्यद मेहराज हुसैन सज्जादानशीन दरगाह पानीपत, सूफी असलम मियां बरेली, सूफी हाशिम मियां, सैय्यद इकराम रामपुर, मुन्ने मिया रामपुर, सैय्यद आलम मियां गुजरात। पीर मौ. सूफी राशिद अली साबरी, वेहजाद मियां कुद्दुसी गंगोह शरीफ, सैय्यद शमशाद, विधायक हाजी फुरकान अहमद। पूर्व विधायक कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन, हाजी नईम कुरैशी, शफक्कत अली, रियाज अंसारी आदि जिम्मेदार लोग मौजूद रहे।

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