
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: प्रदेश में आई आपदा मैं एसडीआरएफ जीवन रक्षक की भूमिका निभा रहा है। ज्वालापुर में एक 12 साल के बालक सूरज को एसडीआरएफ के जवान दीपक मेहता ने मौत के मुंह से निकाल लिया। जवान के अदम्य साहस पर एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने उसे ₹1000 के पुरस्कार से सम्मानित किया है। दरअसल बालक ज्वालापुर से आगे चलकर गंग नहर की पटरी पर बैठा था और फिसल कर गंग नहर में गिर गया था, जिसे एसडीआरएफ के जवान ने सकुशल बाहर निकाला।
बता दे कि 4 दिन से हरिद्वार जिले में एसडीआरएफ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मैं जीवन रक्षक की भूमिका निभा रही है। लक्सर क्षेत्र में लगातार आपदा प्रभावितों को निकालने का काम किया जा रहा है। ऐसे में हर कोई मुख्यमंत्री की इस फोर्स की सराहना कर रहा है और मुख्यमंत्री का धन्यवाद भी ज्ञापित कर रहा है
कि समय रहते एसडीआरएफ को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उतार दिया अन्यथा बड़ी जनहानि हो जाती है। अब तक 3000 से अधिक लोगों को एसडीआरएफ सुरक्षित निकाल चुका है।
एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अलावा एसडीआरएफ की टुकड़ी कावड़ मेला में भी लगी हुई है और लोगों की जान बचाने का काम कर रही है।
“गंगा में डूब रहे कांवड़िए को बचाया….
हरिद्वार: हरकी पैड़ी के कांगड़ा पुल के पास स्नान के दौरान जम्मू कश्मीर का एक कावड़ यात्री गंगा में बहने लगा। उसके साथियों ने शोर मचाया। एसडीआरएफ के हैड कांस्टेबल आशिक अली ने रेस्क्यू करते हुए कावड़ यात्री को बचा लिया। युवक ने अपना नाम हरि गुप्ता निवासी जम्मू कश्मीर बताया है। वहीं, हरकी पैड़ी के सुभाष घाट और नाई सोता घाट से भी एक-एक कावड़ यात्रियों को जल पुलिस के गोताखोरों ने डूबने से बचाया है।