
पंच👊नामा
गोल्डन भाई, पिरान कलियर: उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद या यूं कहें उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह की जामा मस्जिद, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है।विडम्बना देखिए ना बजट की कमी है और न ही जिम्मेदारों की, बावजूद इसके मस्जिद का काम आजतक अधर में लटका हुआ है, हद तो तब हो गई जब मस्जिद की छत से पानी टपकने लगा, और नमाजियों को पानी के ऊपर ही नमाज अदा करने हो मजबूर होना पड़ा लेकिन ये सब देखकर भी किसी के कानों पर जूं तक नही रेंगी।

जी हां हम बात कर रहे है विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक की जामा मस्जिद की, तकरीबन 15 साल पहले जब दरगाह साबिर पाक में आने वाले जायरीनों के लिए मस्जिद में जगह कम पड़ने लगी तो मस्जिद को बड़ा करने का निर्णय लिया गया। तब कुछ स्थानीय लोगों ने बाहरी प्रदेशों से आने वाले अकीदतमंदों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दिया और धीरे-धीरे मस्जिद को एक विशाल रूप दिया गया।

इस मस्जिद में कुछ संस्थाओं ने भी सहयोग दिया जिसके चलते ये साबरी जामा मस्जिद उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद में शुमार हो गई, लेकिन अफसोस कि बात ये है कि सालों बीतन जाने के बाद भी इस मस्जिद के काम को मुकम्मल अंजाम तक नही पहुँचाया पाया। जिसका परिणाम ये हुआ कि अब मस्जिद की छत से पानी टपकना शुरू हो गया, पानी में ही लोग नमाज पढ़ने को मजबूर है, लेकिन जिम्मेदार आँख मूंदे तमाशा देख रहा है।
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“पानी आने से सफ़े हुई खराब……
दरगाह साबिर पाक के साथ-साथ साबरी जामा मस्जिद में भी अकीदतमंद दिल खोलकर दान पुण्य करते है। लगभग हर साल मस्जिद में नमाजियों के लिए सफ़े आती है या कोई अकीदतमंद दान करता है।
लेकिन छत से पानी टपकने के कारण सफ़े भी खराब हो रही है जिसको लेकर भी प्रबंधन गंभीर नही है, वक़्फ़ के माल की बर्बादी जिम्मेदार खुली आँखों से देख रहे है लेकिन कोई जरूरी कदम नही उठाया गया जिसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है।
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“उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह…..

उत्तराखंड प्रदेश के जनपद हरिद्वार में बड़े तीर्थ स्थल में शुमार पिरान कलियर जिसे पिरो की नगरी कहा जाता है। यहां मौजूद विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह है। जहां प्रत्येक वर्ष अकीदतमंद दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाते है, इसके साथ ही वार्षिक ठेकों से भी करोड़ो की आय दरगाह को होती है। यही वजह है कि दरगाह के पास करोड़ो रूपये जमा है, लेकिन मैनेजमेंट के पास दरगाह की मस्जिद के सुधार के लिए शायद कोई समाधान नही है तभी आजतक मस्जिद का कार्य मुकम्मल नही हो पाया।
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“अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों से सवाल….
वक्फबोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, बोर्ड सदस्य व विधायक हाजी मौ. शहजाद व हाजी सरवत करीम अंसारी, कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद, नगरपंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शफक्कत अली, समेत दरगाह प्रबंधक रजिया खातून, प्रशासनिक अधिकारी व वक्फबोर्ड सीईओ समेत अन्य क्षेत्रीय जिम्मेदारों की लंबी चौड़ी फौज के बाद भी समस्या का कोई समाधान नही हो पा रहा।
ये बड़े दुर्भाग्य के बात है। ऐसे में नमाज पढ़ने वाले व क्षेत्रीय लोग इन तमाम जिम्मेदारों की जिम्मेदारी को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर रही है।
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“हजारों नमाजी एक साथ अदा कर सकते है नमाज…..
साबरी जामा मस्जिद को इस हिसाब से बनाया गया है कि उसमे बेसमेंट से लेकर ऊपरी मंजिल तक हजारों नमाज़ी एक साथ नमाज अदा कर सकते है। नमाजियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मस्जिद को बड़ा और खूबसूरत रूप दिया गया था, लेकिन हीलाहवाली के चलते आजतक मस्जिद अपने पूरे रूप में सामने नही आ पाई।
गोल्डन भाई की ख़ास रिपोर्ट……