गन्ना आयुक्त ने गन्ने की फसलों का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश..
दो दिवसीय हरिद्वार जिले के दौरे पर रहे गन्ना आयुक्त, तीनों जोन का किया निरीक्षण

पंच👊नामा
रुड़की: बाढ़ एवं जल भराव के चलते जिले में खराब हुई गन्ने की फसल को देखकर गन्ना आयुक्त भी परेशान हो गए। जल भराव के चलते खेत के खेत सूख गए हैं। साथ ही अभी भी 40 प्रतिशत से अधिक फसल में पानी भरा हुआ है। गन्ना आयुक्त ने लेखपाल, गन्ना पर्यवेक्षक, ग्राम विकास अधिकारी की टीम बनाकर गन्ने का सर्वे कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने लक्सर क्षेत्र में 70 एवं लिब्बरेड़ी एवं इकबालपुर जोन में 40 प्रतिशत तक फसल में नुकसान होने की आशंका जताई है। हरिद्वार जिले में किसान सबसे अधिक गन्ने की खेती करते हैं। इस बार भी लक्सर, इकबालपुर, लिब्बरहेड़ी एवं देहरादून जिले की डोईवाला चीनी मिल को तीन करोड़ से अधिक गन्ने की आपूर्ति की है। इस साल भी गन्ने की फसल काफी अच्छी तैयार हो रही थी लेकिन जुलाई के दूसरे सप्ताह में हुई अतिवृष्टि से गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है।
लक्सर एवं खानपुर क्षेत्र में तो बाढ़ फसल को बहा ले गई है। पानी कम हुआ तो पूरी फसल के ऊपर रेत, मिट्टी चढ़ गई है। वहीं बांगर के क्षेत्र में भी काफी नुकसान हुआ है। इस पर बुधवार को गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे, सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह एवं गन्ना विभाग के कई अधिकारियों की टीम सबसे पहले तो लक्सर में पहुंची। टीम ने शेखपुरी, दाबकी, गनोली, गोरधनपुर, डोसनी, मोहम्मदपुर समेत कई इलाकों में गन्ने की फसल को देखा।
इसके बाद गुरुवार को सुबह ही गन्ना आयुक्त ने मंडावली, दहियाकी, नारसन, टिकौला, सुसाडी, लखनौता, मंगलौर आदि का दौरा किया। इस दौरान किसानों ने गन्ना आयुक्त को बताया कि कभी भी एक साथ इतनी वर्षा नहीं हुई है। खेत के खेत बर्बाद हो गए है। गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे ने बताया कि वर्षा एवं बाढ़ से काफी नुकसान पहुंचा है। किसान परेशान है। उन्होंने विस्तृत सर्वे के लिए लिखा है। इस मौके पर लक्सर के प्रधान प्रबंधक बीएस तोमर,पवन ढींगरा, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के महाप्रबंधक अनिल कुमार सिंह, गन्ना समिति चेयरमैन प्रतिनिधि लिब्बरहेड़ी समिति सुशील राठी आदि मौजूद रहे।