
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मानसून सीजन चल रहा है, लेकिन हरिद्वार जिले के पुलिस महकमे में पैराशूट लैंडिंग का सीजन चालू है। 1 सप्ताह के भीतर कई इंस्पेक्टर पीछे के रास्ते से जिले में आमद करा चुके हैं।

दूसरे जिलों से हरिद्वार आने वालों की लाइन तो लंबी है ही, लेकिन जिस तरीके से उन्हें आते ही स्वागत में कुर्सी मिल रही है, उससे साफ है कि आने वालों की पहुंच भी लंबी है। जबकि जिले में पहले से ही तैनात 11 इंस्पेक्टर पैदल जैसी स्थिति में है। मगर मजाल है कि बाहर से आने वालों का नंबर कट जाए।

हैरानी की बात तो यह है कि गैर जनपद से आने वाले किसी इंस्पेक्टर को तो 12 घंटे में दूसरा चार्ज मिल गया और कई इंस्पेक्टर 12 महीनों से भी ज्यादा समय से केवल दफ्तरों में फाइलें पलट रहे हैं।

महकमे में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आने वाले आखिर कौन सी चाबी लेकर आ रहे हैं, जो आते ही मनचाहा थाना कोतवाली को अनलॉक कर दे रहे हैं। सवाल कप्तान व आईजी रेंज से लेकर डीजीपी तक के दावों पर भी है।

आखिर क्यों आला अधिकारियों की आंखों के सामने ट्रांसफर पोस्टिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिले में पहले से ही जब पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर तैनात हैं तो क्यों भीड़ बढ़ाई जा रही है। बार-बार चंद पुलिसकर्मियों को हरिद्वार किस उद्देश्य से भेजा जा रहा है।

क्या नियम सिर्फ उन्हीं पुलिस कर्मियों के लिए हैं, जिनकी कोई मजबूत बैक नहीं है। अगर ऐसा ही है तो फिर आला अधिकारी किस मुंह से निष्पक्षता, कर्मठता का ढोल पीटते हुए अधीनस्थों को मेहनत करने की नसीहत देते हैं।

हरिद्वार जिले में पहले से तैनात इंस्पेक्टरों, दरोगाओं ने कांवड़ मेले में शिद्दत से पसीना बहाया। उन्हें उम्मीद थी कि इस मेहनत का फल उन्हें चार्ज के रूप में जरूर मिलेगा। लेकिन पुरस्कार तो उन प्रतिभागियों को दिया जा रहा है, जो दौड़ में शामिल भी नहीं हुए।

अत्यधिक अनुभवी डीजीपी साहब से जिले के पुलिसकर्मी मन ही मन यह पूछना चाहते हैं कि हरिद्वार जिले में जरूरत तो कांस्टेबल और दारोगाओं की हैं तो फिर थोक के भाव इंस्पेक्टर क्यों धकेले जा रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि कई और इंस्पेक्टर अभी हरिद्वार आने की तैयारी में जुटे हैं। लिहाजा मानसून सीजन में अभी और पैराशूट लैंडिंग होने के आसार नजर आ रहे हैं। अलबत्ता बेमेल तबादलों के खेल और अव्यवस्था को लेकर पुलिसकर्मियों में अंदर ही अंदर नाराजगी पनप रही है।

“रात में एसओजी प्रभारी, सुबह थाने की कमान…….
हरिद्वार: जिले में 1 सप्ताह के भीतर 3 इंस्पेक्टरों की आमद हुई। जिनमें इंस्पेक्टर अमर चंद शर्मा को तत्काल प्रभाव से सिविल लाइन कोतवाली रुड़की से अटैच किया गया। इसे अप्रत्यक्ष रूप से तैनाती ही माना जा रहा है। इंस्पेक्टर विजय कुमार को नारकोटिक्स सेल समेत कई अन्य जिम्मेदारियां दी गई। गुरुवार की रात जारी आदेश में इंस्पेक्टर रविंद्र शाह को एसओजी रुड़की और हरिद्वार का प्रभारी बनाया गया। लेकिन चंद घंटों बाद शुक्रवार की सुबह रविंद्र शाह को बहादराबाद थाने का प्रभारी निरीक्षक तैनात कर दिया गया। ये प्रकरण पुलिस में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
“जल्द पढ़ें: तो केवल एसएसआई और चौकी प्रभारी ही बनेंगे दारोगा…!!