
पंच👊नामा-ब्यूरो
सहारनपुर: दहेज की खातिर विवाहिता को जहर देने वाले आरोपी ससुरालियों की गिरफ्तारी न होने पर मायके वालों ने सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मामला सहारनपुर के नानौता क्षेत्र का है। एक महीने से विवाहित अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है। लेकिन पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। मायके वालों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपी ससुरालियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

एफआईआर के मुताबिक, गुफरान अहमद पुत्र सईद अहमद निवासी माहीपुरा थाना जनकपुरी सहारनपुर ने बीते सात जुलाई को नानोता थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उन्होंने अपनी बेटी शाजिया की शादी 25 मई 2020 को मुस्लिम रिति रिवाज से शाद आलम पुत्र इरसाद ख़ाँ निवासी नानौता जिला सहारनपुर के साथ की थी। शादी में करीब 15 लाख रुपये का सामान जेवर कपडा, फर्नीचर आदि सभी जरूरत का सामान दिया था।

आरोप लगाया कि ससुराल वाले शुरु दिन शादी से ही शाजिया को कम दहेज लाने के ताने देने लगे और शाजिया को अपने पीहर से 10 लाख रुपये लाकर देने की माग करने लगे। इसी मांग के कारण शाजिया को तंग व परेशान व मारपीट करते। शाजिया ने मायके से करीब एक साल पहले एक लाख रुपये ससुराल वालों को लाकर दिये। लेकिन उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। ससुरालियों ने साजिश के चलते कुछ दिन पहले शाद आलम का दूसरा निकाह गुप चुप करा दिया।

बताया कि बीते छह जुलाई को उनकी बेटी को बुखार आया तो साजिश के चलते उसके शौहर ने अपने मेडिकल स्टोर दो तीन गोलिया लाकर दी। इसके बाद परिवार वालों ने मिलकर दवाई के बहाने शाजिया को जान से मारने की नीयत से जहर दे दिया। दवाई खाते ही शाजिया के पेट में जलन होने से अधिक पेट दर्द हो गया। शाजिया ने तड़पते हुए मायके में फोन किया।

तब उन्होंने 100 नम्बर पर फोन कर पुलिस बुलाई। पुलिस ने डाक्टरी मुआयना कराते हुए सरकारी अस्पताल में करवाया। हालत नाजुक होने के कारण उनकी बेटी को सहारनपुर में दिल्ली रोड पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। आरोप लगाया कि जान से मारने की नियत से ससुराल वालों ने साजिश के तहत उसे जहर दिया है।

पुलिस ने इस मामले में आरोपी पति शाद आलम, ससुर इरशाद, सास कमर जहां, देवर चांद मियां और ननद बुशरा निवासीगण ननौता सहारनपुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन एक माह का समय गुजारने के बाद भी पुलिस ने अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। आरोप लगाया कि पीड़िता के ससुराल वालों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के आला अधिकारियों से इस मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है।