अपराधहरिद्वार

संत की “पावर ऑफ अटॉर्नी” की आड़ में रौ नदी की जमीन बेचने वालों को भेजा जेल..

बाकी आरोपियों की भूमिका की भी चल रही जांच, कभी भी अवैध घोषित हो सकती हैं 23 रजिस्ट्रियां..

पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: संत की पावर ऑफ़ अटॉर्नी की आड़ में रानीपुर झाल के नजदीक निजी जमीन के साथ-साथ रौ नदी की जमीन बेचने के मामले में गिरफ्तार किए गए सरगना मुनिन्द्र शान शर्मा व गवाह जाहिद को शुक्रवार की सुबह कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

पुलिस ने अब बाकी आरोपियों की भूमिका की जांच भी तेज कर दी है। दूसरी तरफ, फर्जीवाड़े के आरोपियों के जेल जाने से अब ये बात साफ हो गई है कि आरोपियों ने पूरी साजिश करते हुए 23 लोगों को सरकारी जमीन बेचकर वारे के न्यारे किये थे, ऐसे में इन 23 रजिस्ट्रियों का अवैध घोषित होना तय हो गया है। सरकारी जमीन खरीदने वालों में खलबली मच गई है। आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।

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“सरकारी बोर्ड पर पोत डाली थी कालिख…..

फाइल फोटो

रानीपुर झाल के पास बहादराबाद क्षेत्र में कुछ महीने पहले सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर प्लॉटिंग करने का मामला सामने आया था। महंत किशनदास निवासी घनश्याम भवन भूपतवाला की शिकायत पर तहसील प्रशासन की ओर से लगाए गए सरकारी बोर्ड पर भी कालिख पोत डाली थी। जिसके बाद पटवारी सुभाष जैमिनी की ओर से अज्ञात भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

फाइल फोटो

साथ ही प्रशासन में भी शिकायत की गई। पुलिस और प्रशासन की जांच में सामने आया कि रामाआधार निवासी भूपतवाला की पावर आफ अटॉर्नी के आधार पर मुनेंद्र शान शर्मा निवासी धर्मपुर देहरादून ने ट्रस्ट की पांच बीघा भूमि और सरकारी 10 बीघा भूमि अवैध रूप से बेच डाली। तत्कालीन उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक तेलूराम ने इस मामले की जांच की। जिसमें पता चला कि रामाआधार दास ने डीएम की अनुमति के बगैर अवैध रूप से साल 2021 में खसरा नंबर 649 की पावर आफ अटॉर्नी मुनिदर शान शर्मा के नाम पर की।
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“सन्त ने मुनिन्द्र पर क्यों लुटाया दुलार…..

फाइल फोटो

ट्रस्ट से जुड़े मामले में जिला अधिकारी की अनुमति के बगैर  न तो किसी को भी पावर ऑफ अटार्नी दी जा सकती है और न ऐसी संपत्ति की खरीद फरोख्त हो सकती है। जबकि इसी संदिग्ध पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर मुनिन्द्र शान शर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रस्ट की भूमि और सरकारी जमीन सहित कुल 23 रजिस्ट्रियां कर करोड़ों जुटाए। सवाल ये भी है कि संत रामाधार दास ने मुनेंद्र श्याम शर्मा पर इतना दुलार क्यों लुटाया। दोनों के बीच आखिर संबंध क्या है…?? इसको लेकर कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। साथ ही ट्रस्टियों में भी यह मुद्दा बहस का विषय बना हुआ है।
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“नोटिस के बाद हुई गिरफ्तारी….

फाइल फोटो

इस मामले की जांच कर रहे उप निरीक्षक हेमदत्त भारद्वाज ने आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस तामील कराए थे। बाद में इस मामले की जांच एसएसपी के निर्देश पर एसआईएस शाखा को भेज दी गई। मामले की जांच कर रहे उपनिरीक्षक रंजीत खनेडा ने विवेचना के दौरान सुबूत जुटाते हुए धारा 419 420 467 468 471 120 B के तहत मुनेंद्र शान शर्मा निवासी धर्मपुर चौक देहरादून, जाहिद खान निवासी त्रिमूर्तिनगर सुभाषनगर को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को शुक्रवार की सुबह कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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