अपराधहरिद्वार

बेलड़ा बवाल: चिट्ठी का फर्जीवाड़ा खुलने पर बिखरा महासंघ, अब भीम आर्मी ने खींचे हाथ, कई और संगठन नाराज़..

लैटरपैड चुराकर महासंघ को राजनीति के लिए किया गया इस्तेमाल, इसलिए पड़ी संगठन में फूट, साफ सुथरी छवि वाले दलित नेताओं ने बनाई दूरी..

इस खबर को सुनिए

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अनुसूचित जाति के संगठनों से जुड़े महासंघ के लैटर पैड पर हुई चिट्ठीबाजी का फर्जीवाड़ा खुलने पर संगठन बिखराव की कगार पर आ गया है। इस सच्चाई से अब सब लोग वाकिफ हो गए हैं कि कुछ लोगों ने लैटर पैड चुराकर महासंघ को अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर डाला।

फाइल फोटो

जिसको देखते हुए भीम आर्मी ने महासंघ से हाथ खींच लिए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सेठपुर ने “पंच👊🏻नामा… को बयान जारी करने के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि बेलड़ा बवाल के बाद निर्मित महासंघ से उनके संगठन का अब कोई लेना-देना नहीं है।

सोशल मीडिया से प्राप्त

इसके साथ ही महासंघ से जुड़े कई अन्य संगठनों ने इस प्रकरण पर नाराजगी जताई है। यहां तक की संगठन की बागडोर संभाल रहे जिले भर के साफ सुथरी छवि वाले नेताओं ने भी अब महासंघ से दूरी बना ली है।

फाइल फोटो

कुल मिलाकर प्रकरण में दलित परिवारों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर गठित हुआ महासंघ कुछ लोगों के स्वार्थ के चलते राजनीति की भेंट चढ़कर रह गया है। वहीं, इस घटना से पुलिस प्रशासन भी सकते में आ गया है, सूत्र बताते हैं कि मामले से जुड़े तथागत नेताओं की कुंडली खंगालने का काम भी शुरू कर दिया है।
—————————————-
“आखिर कौन जीवित रखना चाहता है मुद्दा…..

फाइल फोटो

हरिद्वार: बवाल को लेकर मुकदमे दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां तक हो चुकी हैं। पीड़ितों को मुआवजा और अस्थाई नौकरी देते हुए मरहम भी लगा दिया गया है। दलित संगठनों की मांग के अनुरूप प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रीय और उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग की सिफारिश पर प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को रेफर की जा चुकी है।

फाइल फोटो

गांव में स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। लोग अपने काम धंधा और रोजमर्रा की जरूरत की तरफ बढ़ रहे हैं। फिर वह कौन लोग हैं, जो अभी भी इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं। सूत्र बताते हैं कि मुद्दे से राजनीतिक फायदा लेने के लिए कई धुरंधर पर्दे के पीछे से पूरा खेल खेल रहे हैं।

फाइल फोटो

इसमें केवल एक दल से जुड़े लोग शामिल नहीं हैं। हकीकत यह है कि जिन लोगों को मोहरा बनाया गया है उन्हें खुद मालूम नहीं है कि सियासत की बिसात पर असली चला कौन चल रहा है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि महासंघ से जुड़े ज्यादातर दलित नेता पर्दे के पीछे की हकीकत को पहचान चुके हैं।
—————————————-
“भीम आर्मी ने महासंघ से झाड़ा पल्ला……

फाइल फोटो

बवाल के बाद दलित पक्ष की आवाज बुलंद करने में भीम आर्मी के नेताओं ने अहम भूमिका निभाई थी। विशेष रूप से महापंचायत के आयोजन में भी भीम आर्मी के नेताओं ने ही पसीना बहाया था। हालांकि, ठोस आश्वासन मिलने पर महा पंचायत स्थगित हो गई थी।

फाइल फोटो

लेकिन भीम आर्मी की नेताओं ने पसीना बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अब जबकि यह साफ हो चुका है कि प्रकरण के अधिकांश बिंदुओं पर सकारात्मक कार्यवाही हो चुकी है और कुछ लोग इसका राजनीतिक इस्तेमाल करने में जुट गए हैं, तब भीम आर्मी ने महासंघ से पल्ला झाड़ने में देर नहीं की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सेठपुर ने आपके प्रिय समाचार पोर्टल “पंच👊नामा… को बयान जारी कर बताया कि “में दीपक सेठपुर प्रदेश अध्यक्ष भीम आर्मी जय भीम उत्तराखंड ये घोषणा करता हूँ कि बेलड़ा प्रकरण में निर्माणित महासंघ से भीम आर्मी जय भीम का कोई सम्बन्ध नहीं है…” पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की इस घोषणा के बाद महासंघ से जुड़े अन्य संगठनों में भी हलचल मच गई है।

फाइल फोटो

चिट्ठी प्रकरण का खुलासा होने पर खुद महासंघ के अध्यक्ष रूप सिंह में पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हीं के कुछ साथियों ने लेटर पैड चोरी कर सीएम को चिट्ठी भेजी गई है। जिस पर अध्यक्ष यानि उनके हस्ताक्षर भी नही है। इसलिए शासन प्रशासन उस फर्जी पत्र का संज्ञान न ले। स्पष्ट किया कि मीडिया को दी गई बाइट में भड़काऊ बयान जारी करने वालों के वह निजी विचार हैं, संगठन का उनसे कोई लेना देना नहीं है। संघ किसी भी तरह की अशांति के पक्ष में नहीं है।

विज्ञापन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!