हरिद्वार और ज्वालापुर सीट पर कांग्रेस के “पैराशूट दावेदारों की लैंडिंग….
: राष्ट्रीय प्रवक्ता के बैनर पोस्टरों से गर्म हुई कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति..
: एसपी सिंह इंजीनियर की सक्रियता ने ज्वालापुर के दावेदारों की बढ़ाई धड़कनें..
पंच 👊 नामा
सुल्तान- हरिद्वार: मिशन 2022 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस में टिकट की दावेदारी को लेकर खींचातानी अब दिलचस्प जंग की तरफ बढ़ रही है। सालों से विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय स्थानीय दावेदारों को झटके लगने का दौर भी शुरू हो गया है। जनपद की सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली हरिद्वार शहर विधानसभा में भारी भरकम दावेदार की पैराशूट लैंडिंग हो चुकी है। हरिद्वार शहर से लेकर हाइवे तक लगे राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा के होर्डिंग और पोस्टरों से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति अचानक गरम हो गई है।
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के बाद से आलोक शर्मा की सक्रियता यह बताने के लिए काफी है कि वह आने वाले दिनों में कुछ बड़ा करने की तैयारी में है। ख़ास बात यह है कि कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा आलोक शर्मा के पीछे चल पड़ा है। जबकि कुछ नेता पीछे रहकर उन्हें समर्थन देने की कसमें खा चुके हैं। ऐसे में चंद दिनों पहले तक हरिद्वार सीट से कांग्रेस के सबसे कद्दावर दावेदार माने जा रहे पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के लिए अब टिकट की राह “नामुमकीन न सही, पर मुश्किल” ज़रूर दिखाई दे रही है।
शहर विधानसभा सीट पर अचानक सक्रिय हुए आलोक शर्मा हरिद्वार में कांग्रेस के बड़े संत नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के करीबी बताए जाते हैं। सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थकों के लिए 2017 की तरह यह बात एक बार फिर परेशान करने वाली हो सकती है। हरिद्वार की राजनीति में राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा की एंट्री कितनी मजबूत तरीके से हुई या कराई गई है, इसका अंदाजा गांधी जयंती पर गीत गोविंद बैंकट हॉल में आयोजित कार्यक्रम के मंच से हो गया। मंच पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के अलावा प्रदेश महासचिव डॉ संजय पालीवाल, यूथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और हरिद्वार ग्रामीण सीट से दावेदार राजीव चौधरी, पूर्व शहर अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा पूर्व दर्जाधारी मकबूल कुरैशी जैसे दिग्गज नजर आए। कार्यक्रम में जुटाई गई भीड़ भी सतपाल ब्रह्मचारी के लिए चुनौतीपूर्ण बन सकती है। सतपाल ब्रह्मचारी भी शायद इस खेमेबंदी को भांप चुके हैं, इसीलिए शहर कांग्रेस के तमाम दिग्गज कार्यक्रम में पहुंचे, पर सतपाल ब्रह्मचारी नजर नहीं आए। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में हरिद्वार सीट पर दावेदारी का यह ऊंट किस करवट बैठता है।
अब बात करते हैं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित ज्वालापुर सीट की। दिल्ली की राजनीति में गहरी पकड़ रखने वाले एसपी सिंह इंजीनियर पहले कई चुनावों में लोकल दावेदारों का रायता फैला चुके हैं। इस बार फिर एसपी सिंह इंजीनियर ताल ठोकने के लिए तैयार हैं। जबकि दावेदारों की गिनती करें तो शायद इकाई से शुरू होकर दहाई का आंकड़ा भी कम पड़ जाए। इस सीट पर पूर्व प्रत्याशी बृजरानी से लेकर, सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष किरण पाल वाल्मीकि, दिनेश दूबे, विशाल राठौर समेत एक दर्जन से ज्यादा दावेदार लाइन में हैं। एसपी सिंह इंजीनियर की दिल्ली तक पकड़ और टिकट हासिल करने में पुराने अनुभव को देखा जाए तो इस बार फिर इंजीनियर अपनी “इंजीनियरिंग का कमाल दिखाकर विधायकी का चुनाव लड़ जाएं तो हैरानी की बात नहीं होगी। कुल मिलाकर जनपद में कांग्रेस के दावेदारों में टिकट की जंग अब हरीश रावत गुट बनाम प्रीतम गुट के साथ-साथ लोकल बनाम बाहरी होने जा रही है। हालांकि आलोक शर्मा और एसपी सिंह इंजीनियर, दोनों ही अपना जुड़ाव हरिद्वार से बताते हैं।बहरहाल, पैराशूट प्रत्याशियों को कांग्रेस कार्यकर्ता किस हद तक हजम कर पाते हैं और टिकट मिलता है, तो मतदाता इन्हें कितना प्यार दे पाएंगे, इसको लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। फिलहाल यह तय है कि आने वाले दिनों में शह-मात का यह खेल और रोचक होने जा रहा है। मजेदार बात यह है कि कांग्रेस की इस रस्साकशी पर भाजपा भी पैनी नजर बनाए हुए हैं। खासतौर पर भाजपा में चुनावी राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक खेमा कांग्रेस की हर करवट से बा-ख़बर है।