हरिद्वार

शिवालिकनगर पालिका में स्ट्रीट लाइट घोटाला, डीएम ने बैठाई जांच, भुगतान पर लगाई रोक..

लाइट और सौंदर्यकरण के लिए शासन से मिले थे छह करोड़ रुपये, क्षेत्र में लगाई जानी थी 3200 स्ट्रीट और पांच हाई मास्ट लाइट, ज़्यादा रेट में लाइट खरीदने का आरोप..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नगर पालिका शिवालिक नगर में स्ट्रीट लाइट और सौंदर्यकरण के छह करोड रुपए में होने वाले कार्यों में घोटाले का आरोप लगा है। शासन में शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने पूरे मामले पर जांच बैठे हुए भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

फाइल फोटो

ये कार्रवाई भाजपा के ही पूर्व मंडल अध्यक्ष और रानीपुर विधायक आदेश चौहान के जनसंपर्क अधिकारी अतुल वशिष्ठ की शिकायत पर हुई है।

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अतुल वशिष्ठ का आरोप है कि ठेकेदार को बार-बार एक्सटेंशन देकर गड़बड़ी की गई और नगर निगम से ज्यादा दाम में लाइट खरीदते हुए करोड़ों रुपए का गोलमाल किया गया है।

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ऐसा भी बताया गया है कि भुगतान करने के लिए अधिशासी अधिकारियों के तबादलों का खेल भी खेला गया। इस पूरे मामले को लेकर पालिकाध्यक्ष राजीव शर्मा की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।

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कार्यकाल पूरा होने से दो-तीन हफ्ते पहले ही घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आने और भाजपा के ही पूर्व मंडल अध्यक्ष की शिकायत पर भुगतान पर रोक लगने से पार्टी की अंदरूनी राजनीति भी गर्म हो गई है।
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पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल वशिष्ठ ने 31 अक्टूबर को शासन में 3200 स्ट्रीट लाइट, 5 हाई मास्ट लाइट और 316 ऊर्जा लाइट समेत कई बिंदुओं पर लिखित शिकायत करते हुए भुगतान पर रोक लगाने की मांग की थी।

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जिसमें आरोप लगाया गया था कि अप्रैल माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जुलाई में काम पूरा होना था। बरसात के कारण काम पर रोक लग गई। ठेकेदार को एक्सटेंशन दे दे गया और दोबारा 19 अक्टूबर को एक्सटेंशन अवधि पूरी होने के बाद तीसरी बार फिर एक्सटेंशन के लिए फाइल चला दी गई।

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शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि पालिका ने बहुत अधिक दाम में लाइट खरीदी जबकि नगर निगम में उसका रेट बहुत कम है।

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इस मामले को लेकर जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल ने शासन से मिले 6 करोड रुपए के भुगतान पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है।
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जिलाधिकारी ने प्रकरण में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। एसडीएम सदर अजय वीर सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी में हरिद्वार नगर निगम के मुख्य आयुक्त संध्यानंद सरस्वती वह एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को शामिल किया गया है।

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जिलाधिकारी ने नगर पालिका शिवालिक नगर के अधिशासी अधिकारी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए की जांच से जुड़े तमाम दस्तावेज कमेटी को तत्काल उपलब्ध करा दिए जाएं। यह भी चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार के लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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