मंदिर हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को कॉलोनी वासियों ने घेरा, लौटना पड़ा बैरंग, दूसरी कॉलोनी से मजार हटाया..
सरकारी जमीनों पर बने अवैध धर्म स्थलों पर प्रशासन की कार्रवाई जारी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: सरकारी जमीनों पर बने अवैध धर्मस्थलों को हटाने का प्रशासन का अभियान लगातार जारी है। मध्य हरिद्वार की पॉश कॉलोनी गोविंदपुरी में बने कमंडल वाले बाबा के सिद्ध पीठ स्थल को हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा। घंटों वार्ता के बाद आखिरकार टीम को बेरंग लौटना पड़ा। एसडीएम ने सिद्ध पीठ से जुड़े लोगों को एक हफ्ते में रीति रिवाज के साथ सिद्ध पीठ को हटाने का समय दिया है। दूसरी तरफ प्रशासन ने मध्य हरिद्वार में ही खन्नानगर कॉलोनी पहुंचकर एक मजार को ध्वस्त कर दिया। किसी भी तरीके के विरोध की आशंका और लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर मुस्तैद रहा।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भी प्रशासन ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हरिद्वार में कई धर्मस्थलों को जमीनदोज़ कराया था। उस दौरान भी ज्वालापुर और बहादराबाद क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा था।
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“बाबा की इच्छा से ही हटेगी सिद्ध पीठ: कॉलोनीवासी….
गोविंदपुरी में धर्मस्थल हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना था कि यह सिद्ध पीठ है और इसे ध्वस्त नहीं होने दिया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि एक हफ्ते में धर्मस्थल न हटाने पर प्रशासन की ओर से ही धवस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
सिद्ध पीठ से जुड़े भूपेंद्र और प्रीतकमल का कहना है कि यह बहुत ही पुराना स्थल है। यहां शक्ति जागृत है। बाबा की इच्छा से ही इसे हटाया जा सकता है। कहा कि बाबा की अनुमति के बाद ही जैसा होगा वैसा किया जाएगा।
वही धर्मस्थल को लेकर कुछ लोगों के बीच आपस में ही तीखी नोकझोंक भी हुई। एक व्यक्ति ने सिद्ध पीठ को एक धर्म विशेष के लोगों की ओर से ही धार्मिक स्थल बना देने की बात कह डाली। इसके बाद लोग भड़क उठे और आपस में बहस करने लगे। एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि धर्मस्थल को एक हफ्ते में हटाने का समय दिया गया है।
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“भारी पुलिस बल्कि मौजूदगी में हुई कार्रवाई……
ज्वालापुर क्षेत्र की खन्ना नगर कॉलोनी में एक मकान के पीछे बनी मजार को प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की मौजूदगी में तोड़ कर हटा दिया। मजार कई दशक पुरानी बताई जा रही है। प्रशासन की टीम ने अंदर रखी धार्मिक किताब व अन्य सामान को अपने कब्जे में ले लिया।
कर्मचारियों ने हथौड़ों से धर्मस्थल को ध्वस्त कर दिया। अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई है। मीडिया से बातचीत में एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि धार्मिक संरचना पर किसी प्रकार की धार्मिक गतिविधि नहीं की जा रही थी।
इस संबंध में नगर निगम की ओर से नोटिस दिया गया था और नगर निगम ने ही कार्रवाई की है। शांति व्यवस्था के मध्य नजर पुलिस प्रशासन मौके पर मुस्तैद रहा है। कार्रवाई के दौरान यहां पर आवाजाही प्रतिबंधित रखी गई। साथ ही मीडिया को भी कार्रवाई से दूर रखा गया।