: नगर निगम से ज्यादा भरोसा पुलिस की कार्रवाई पर…
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: अपराधियों को पकड़ने और शांति व्यवस्था बनाने के अलावा “वीआईपी ड्यूटी से लेकर लावारिस शव का अंतिम संस्कार” कराने तक तमाम “झंझट सिर पर उठाने वाली पुलिस अब कूड़ा-कचरा भी उठवाए। बस यही काम बाकी रह गया था। एक हाकिम ने कागज पर हस्ताक्षर कर पुलिस को यह जिम्मेदारी भी सौंप दी। हाकिम का यह फरमान लेकर एक बुजुर्ग शहर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस के भी होश उड़ गए। हैरत की बात यह है कि बुजुर्ग जिद पर अड़ गया कि पुलिस ही कूूड़ा उठवाए। शहर कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बुजुर्ग की पूरी बात सुनी। बुजुर्ग का कहना था कि उनके पड़ोस में एक व्यक्ति गौशाला चलाता है। जिस कारण वह गंदगी फैली रहती है। कई बार नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने जिले के बड़े अधिकारी से गुहार लगाई और अधिकारी ने पुलिस को आदेश दिए हैं। बुजुर्ग का कहना था कि अन्य विभागों की अपेक्षा पुलिस अपना काम ज्यादा गंभीरता से करती है और पुलिस एक बार डांट दे तो कूड़ा हट जाएगा। इस पर शहर कोतवाल राकेंद्र कठैत ने बुजुर्ग को भरोसा दिलाया कि वह इस बारे में नगर निगम से बात कर समस्या का समाधान कराएंगे। मजबूत आश्वासन मिलने पर ही बुजुर्ग कोतवाली से निकले। यहां गलती बुजुर्ग की नहीं, बल्कि सिस्टम की है। कूड़ा उठाने जैसे मामूली काम के लिए एक बुजुर्ग को आखिर क्यों जिले के आला प्रशासनिक अधिकारी तक जाना पड़ा। जिस तरह शहर की शांति व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस की है, इसी तरह शहर की सफाई और पथ प्रकाश आदि व्यवस्थाओं के लिए नगर निगम बना हुआ है। अगर कूड़ा भी पुलिस उठवाएगी तो पुलिस का काम कौन करेगा।