नियाज़ का ठेका छोड़ने पर गर्म हुआ माहौल, दरगाह प्रबंधन के विरोध में सड़क पर उतरे दुकानदार, दो विधायकों ने दिया समर्थन..
दरगाह प्रबंधक के पद पर तैनात भाजपा नेता की पत्नी को हटाने की मांग, आख़िर क्या है नियाज़ का फलसफा, पढ़ें पूरी ख़बर..
पंच👊नामा
पिरान कलियर: लंगर नियाज़ की दुकानों को ठेके के हवाले किए जाने के विरोध में खानपुर विधायक उमेश कुमार और कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद भी उतर चुके है, दोनो विधायकों ने दरगाह कार्यालय बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगे के धरने पर जाकर ना सिर्फ उन्हें समर्थन दिया बल्कि एक सुर में नियाज़ बनाने वाले टेंडर को निरस्त करने और दरगाह प्रबंधक को पद से हटाए जाने की मांग की। इसके साथ ही प्रबंधक के कार्यो में उनके पति भाजपा नेता के हस्तक्षेप करने पर कार्रवाई की मांग की। दरअसल कुछ दिन पूर्व पिरान कलियर दरगाह कार्यालय की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसमे कलियर क्षेत्र में नियाज़ (लंगर) बनाने के लिए लगने वाली दुकानों के टेंडर निकाले गए थे।
इससे नाराज दुकानदारों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर दरगाह प्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर टेंडर निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन ज्ञापन पर कोई सुनवाई ना होने पर मंगलवार की शाम दुकानदार सस्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ इकठ्ठा हुए और दरगाह कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने प्रबंधक पर हिटलरशाही का आरोप लगाते हुए उन्हें प्रबंधक पद से हटाने की मांग की और टेंडर को निरस्त करने की मांग के साथ जमकर नारेबाजी की। धरना लगातार जारी रहा और बुधवार को धरने का समर्थन करने खानपुर विधायक उमेश कुमार और कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद धरनास्थल पहुँच गए।
दोनो विधायकों ने दरगाह प्रबंधक पर गरीब दुकानदारों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पदमुक्त करने की मांग की।
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क्या बोले विधायक फुरकान…..
भाजपा नेता की पत्नी रजिया को जब से दरगाह प्रबन्धक के पद पर तैनात किया गया है, तभी से लगातार दुकानदारों का शोषण किया जा रहा है कभी अतिक्रमण के नाम पर कभी उल्टे सीधे टेंडर निकालकर। दरगाह कार्यालय की ओर से नियाज़ बनाने का टेंडर निकाला है, जिसमे गरीब दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा जब तक रजिया को दरगाह प्रबंधक पद से मुक्त नही किया जाता धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
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विधायक उमेश ने कहा……
नियाज़ (लंगर) को ठेका प्रथा के सुपुर्द करना किसी भी सूरत में जायज नही है। आने वाले जायरीन अपनी हैसियत के मुताबिक लंगर नियाज़ बनवाते है और लोगो मे तकसीम करते है, इससे गरीब दुकानदारों का परिवार पलता है, ये तुगलकी फरमान जिसे टेंडर के रूप में निकाला गया है निरस्त किया जाए, साथ ही प्रबंधक के कार्यो में उनके पति भाजपा नेता की दखलंदाजी पर उन्होंने कार्रवाई की मांग की।
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साबिर पाक की हयात ए जिंदगी से जुड़ा है लंगर का सिलसिला….
देशभर में जितनी भी दरगाहें है उनमें सबसे अधिक लंगर तकसीम करने का मामला पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक में है। इसकी वजह ये है कि साबिर पाक (रह.) ने अपनी हयात ए जिंदगी में खूब लंगर तकसीम किया। इस्लामिक इतिहास के अनुसार सैकड़ो साल पहले साबिर पाक की वालिदा (माँ) साबिर पाक को अपने भाई बाबा फरीद गंजे शकर रह. के यहां तालीम हासिल करने के लिए छोड़ आई थी
। उस समय साबिर साहब को अली अहमद के नाम से जाना जाता है। बाबा फरीद ने अली अहमद (साबिर पाक) को लंगर तकसीम करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। 12 साल तक अली अहमद (साबिर) ने लोगो को लंगर बांटा और खुद कुछ नही खाया। 12 साल तक भूखा रहकर लंगर बांटने पर बाबा फरीद ने अली अहमद को साबिर के नाम से नवाजा जिसके बाद अली अहमद साबिर को ख़िलाफ़तनामा देकर कलियर भेज दिया था। इसीलिए पिरान कलियर आने वाला ज़ायरीन यहां नियाज़ बनवाकर लंगर तकसीम करता है।