पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार/रुड़की: प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन चुकी हरिद्वार लोकसभा में इस बार मतदाताओं के साइलेंट मोड ने प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ाई हुई हैं। पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का हरिद्वार में हुआ रोड शो और ऋषिकुल मैदान में हुआ कार्यक्रम फीका रहा। शनिवार को मंगलौर में बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली फ्लॉप रही। और तो और बसपा के परंपरागत वोटरों ने भी रैली से दूरी बनाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। वहीं, रविवार को रुड़की के नेहरु स्टेडियम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रह गई। हालांकि, भाजपाइयों ने योगी के कई घंटे देर से आने को इसका जिम्मेदार बताया है, लेकिन खाली कुर्सियों की वायरल हो रही तस्वीरों ने भाजपा के रणनीतिकारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस का पूरा चुनाव बाप-बेटे की जोड़ी यानि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उनके बेटे वीरेंद्र रावत के इर्द-गिर्द घूम रहा है।
खासतौर पर शहरी इलाकों में संगठन कहीं नजर नहीं आ रहा है। इसका एक कारण महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के हरियाणा से चुनाव लड़ने की चर्चाओं को भी माना जा रहा है। कई और नेता भी भूमिगत हो चले हैं। हालांकि, हरीश रावत और वीरेंद्र रावत खुद ज्यादा मेहनत कर इसकी भरपाई करने में जुटे हैं।
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11 बजे का समय, तीन बजे पहुंचे योगी…..विजय संकल्प रैली में योगी आदित्यनाथ को सुबह 11 बजे नेहरु स्टेडियम रुड़की पहुंचना था। लेकिन वह तीन बजे पहुंचे। इस बीच मंच पर मौजूद सभी भाजपा नेताओं ने बारी-बारी से अपना संबोधन दिया, लेकिन योगी को आने में देर होती रही। जिससे कार्यकर्ताओं का जोश धीरे-धीरे ठंडा पड़ता गया। इस बीच कई कार्यकर्ता काफी देर इंतजार कर लौट गए। देरी का कारण मौसम की खराबी को बताया गया। मगर भाजपा नेता पूरा पंडाल भरने में कामयाब नहीं रहे। पीछे के हिस्से में खाली कुर्सियों के फोटो सोशल मीडियो पर वायरल हो रहे हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर हरिद्वार को भी संवारना है। प्रधानमंत्री मोदी ने लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई विकास कार्य किया। देश में 80 करोड़ लोग पिछले कुछ सालों से मुफ्त राशन ले रहे हैं। इस दौरान लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेंद्र रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सांसद रमेश पोखरियाल, विधायक मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान व श्यामवीर सैनी आदि मौजूद रहे।
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कैडर वोटर भी नही जुटा पाए बसपा नेता….किसी समय में हरिद्वार बसपा का गढ़ माना जाता रहा है, यहां बसपा सुप्रीमो की जनसभा में कभी पदाधिकारियों को मेहनत नहीं करनी पड़ी, बड़े से बड़े मैदान को भरने का रिकॉर्ड तक पहले बसपा के नाम रहा है, लेकिन शनिवार को बसपा प्रत्याशी के लिए हुई मायावती की रैली ने बसपा पदाधिकारियों की जमीनी स्तर पर पोल खोल कर रख दी। मायावती के मंच पर होने के दौरान भी पंडाल में लगाई गई करीब चालीस प्रतिशत कुर्सियां खाली ही पड़ी रही, वहीं मायावती भी शायद इस परफॉर्मेंस से खुश नजर नहीं आई, वह मंच से बोली और भाषण खत्म करने के साथ ही सीधे सीढ़ियों की ओर बढ़ी और नीचे उतरकर रवाना हो गई।
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साइलेंट मोड में वोटर……
चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, लेकिन मतदाता है कि अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं। जानकार मानते हैं कि चुनाव में ये नजारा पहली बार दिख रहा है। मतदाताओं का यह “साइलेंट मोड” कई धुरंधरों का गणित बिगाड़ सकता है। इसलिए रणनीतिकारों के होश फाख्ता हैं। विशेष रूप से हरिद्वार शहर क्षेत्र में चुनाव जैसा माहौल कतई नजर नहीं आ रहा है। अधिकांश रैलियां भी रुड़की क्षेत्र में हो रही हैं। जेपी नड्डा का पहला कार्यक्रम होने के बाद कोई भी दल यहां दूसरा बड़ा कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है।