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किसान पिता को “पद्मश्री सम्मान, “परिवार के होनहार बढ़ा रहे पुलिस की शान…

खेती और बागबानी के क्षेत्र में राष्ट्रपति कोविंद के हाथों मिला पद्मश्री...

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पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: राज्य स्थापना दिवस के साथ-साथ मंगलवार का दिन उत्तराखंड के लिए एक और वजह से ख़ास रहा। खेती और किसानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर देहरादून के त्यूणी क्षेत्र के प्रगतिशील किसान प्रेमचंद शर्मा को “पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है।

उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान प्रदान किया है। गौरतलब है कि प्रेमचंद शर्मा के दो बेटे “सुंदरम शर्मा और अमर चंद शर्मा उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और इन दिनों हरिद्वार में तैनात हैं। इसके साथ ही एक बेटा विशाल शर्मा 2013 बैच का आईपीएस और एक बेटा दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। शर्मा परिवार के साथ ही पूरे उत्तराखंड के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है और परिवार को चारों तरफ से बधाइयां मिल रही हैं। खेती में नए-नए प्रयोग के लिए पद्मश्री प्रेम चंद शर्मा को तमाम पुरुस्कार मिल चुके हैं।


उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के दुर्गम इलाकों में उन्होंने न सिर्फ खेती-बागवानी का कठिन कार्य किया, बल्कि अभिनव प्रयोग कर अनार, ब्रोकली और चैरी टमाटर की भी खेती की। कृषि विकास के क्षेत्र में वर्ष 2012 से 2018 के बीच कई राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। दुर्गम इलाकों में खेती-बागवानी करना आसान नहीं होता है। परंपरागत खेती में मुनाफा न होता देख उन्होंने नए प्रयोग किए।

इसकी शुरुआत उन्होंने 1994 में अनार की जैविक खेती से की। यह प्रयोग सफल रहा तो उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित किया। प्रेमचंद शर्मा ने अपने साथ ही किसानी से औरों की भी आर्थिकी संवारी। उन्होंने क्षेत्र में नगदी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा भी दिया और इस पहले से कई ग्रामीण किसानों को जोड़ा, जिससे उनकी आर्थिकी संवरी। जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील किसान प्रेमचंद ने अपने कार्यों से गांव का नाम रोशन किया और देशभर में पहचान दिलाई।

गांव में अहम पद पर की भी संभाली जिम्मेदारी..

प्रेमचंद शर्मा ने न सिर्फ खेती-बागवानी में ही अग्रणी भूमिका निभाई, बल्कि गांव में अहम पदों पर की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। साल 1984 से 1989 तक वे सैंज-अटाल पंचायत के उपप्रधान रहे और वर्ष 1989 से 1998 तक सैंज-अटाल के प्रधान की जिम्मेदारी संभाली।

मिल चुके हैं ये सम्मान…

-वर्ष 2012 में उत्तराखंड सरकार ने किसान भूषण से किया सम्मानित।

-वर्ष 2014 में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सॉयल एंड वॉटर कंजर्वेशन से मिला किसान सम्मान।

-भारतीय कृषि अनुसंधान ने किया किसान सम्मान से सम्मानित।

-वर्ष 2015 में कृषक सम्राट सम्मान।

-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने विशेष उपलब्धि सम्मान।

-वर्ष 2015 में गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से कृषि सम्मान।

-वर्ष 2016 में स्वदेशी जागरण मंच उत्तराखंड विस्मृत नायक सम्मान।

-वर्ष 2018 में जगजीवन राम किसान पुरस्कार।

-कृषि बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को जसोदा नवानी सम्मान।

उपलब्धि पर परिवार के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड के लिए गौरवान्वित करने वाला रहा।

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