मशहूर बिल्डर ने सातवीं मंजिल से कूदकर दे दी जान, सुसाइड नोट में छोड़े कई बिल्डरों के नाम..
करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट के चलते डिप्रेशन में बताए जा रहे थे बिल्डर, हर एंगल से छानबीन में जुटी पुलिस..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: राजधानी देहरादून के मशहूर बिल्डर एसएस साहनी उर्फ बाबा साहनी ने राजपुर रोड पर सात मंजिल की एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली। संदिग्ध परिस्थितियों में छत से कूदने के बाद बिल्डर को गंभीर हालत में मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

सुसाइड नोट और पुलिस की शुरुआती छानबीन में बाबा साहनी के डिप्रेशन में होने और इसके पीछे देहरादून के ही कई नामी बिल्डरों के नाम सामने आए हैं। पुलिस ने हर एंगल पर पड़ताल शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक, बिल्डर एसएस साहनी उर्फ बाबा साहनी किसी काम से राजपुर रोड पर गए थे। संदिग्ध परिस्थितियों में उन्होंने निर्माणाधीन बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से छलांग लगा दी। उन्हें मैक्स अस्पताल ले जाया। लेकिन जान नहीं बच पाई।

सुसाइड नोट में जाने माने बिल्डर का नाम सामने आया है। पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बारीकी से पड़ताल के निर्देश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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प्रोजेक्ट पर लगे थे करोड़ों रुपए…..

रेसकोर्स निवासी सतेंद्र सिंह साहनी के शहर में दो प्रोजेक्ट चल रहे थे। इनमें एक सहस्त्रधारा हेलीपेड व दूसरा राजपुर रोड पर था। प्रोजेक्ट पर उनकी कम्पनी साहनी इंफ्रास्ट्रक्चर व साहनी इंफ्रा काम कर रही थी। प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये लग रहे थे। ऐसे में उन्होंने तीन बिल्डरों का शेयर लगवा दिया।

इनमें से एक नामी बिल्डर जिसका आपराधिक रिकॉर्ड है, वह साइट पर घूमने लगा। इस बिल्डर का 75 प्रतिशत शेयर था। ऐसे में दो बिल्डरों ने हाथ पीछे खींच लिए, जिसके चलते प्रोजेक्ट रुक गया। जिस बिल्डर ने 75 प्रतिशत शेयर लगाया, उसने साहनी से अपनी धनराशि वापस मांगनी शुरू कर दी।

तनाव में आकर साहनी ने खुदकुशी कर ली। शहर के नाम सीन बिल्डर के इस तरह सातवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या की घटना ने बिल्डर जगत को झकझोर कर रख दिया है। आत्महत्या की इस हृदय विदारक घटना को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जिनका जवाब ढूंढने में पुलिस जुट गई है।

उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट व उनके बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी चर्चित अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया।

त्वरित कार्रवाई करते हुए राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके देहरादून के कर्जन रोड स्थित आवास से हिरासत में ले लिया। लंबी पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

साहनी इंफ्रास्ट्रक्चर व साहनी इंफ्रा के मालिक रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी वर्तमान में सहस्रधारा हेलीपैड के निकट और राजपुर रोड पर अम्मा कैफे के पास दो आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करा रहे थे। इसमें उनके दो पार्टनर थे।

परियोजना का बजट काफी अधिक होने के कारण सतेंद्र साहनी ने अपने परिचित भाजपा नेता बलजीत सोनी से संपर्क कर उनकी परियोजना के लिए किसी बड़े फाइनेंसर की तलाश करने को कहा। बलजीत सोनी ने उनकी मुलाकात सहारनपुर के चर्चित कारोबारी अनिल गुप्ता से कराई।

चूंकि, गुप्ता बंधु पूर्व में काफी विवादों में रह चुके हैं, ऐसे में सतेंद्र सिंह साहनी ने शर्त रखी कि परियोजना में रकम लगाने के बावजूद वह न तो निर्माण साइट पर आएंगे और न ही अपना नाम परियोजना की पार्टनरशिप में सार्वजनिक करेंगे।

दोनों में इसका लिखित समझौता हो गया। आरोप है कि इसके बाद समझौते का उल्लंघन करते हुए अजय कुमार गुप्ता ने परियोजना के कार्यों में हस्तक्षेप कर साइट पर आना-जाना शुरू कर दिया।