पंच 👊 नामा
गोल्डन भाई: हरिद्वार: प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कभी मंत्री भी नहीं रहे और अचानक मुख्यमंत्री बन गए। कभी भाषण देने से बचने वाले पुष्कर सिंह धामी सीएम पद की दौड़ में शामिल ना होने के बावजूद कैसे अचानक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए यह कहानी बेहद दिलचस्प और रोचक भी है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में खुद रोचक अंदाज़ में बताया कि कैसे एक आम कार्यकर्ता से वह मुख्यमंत्री बने। गुरुवार को हरिद्वार में गोपाष्टमी के अवसर पर गैंडीखाता क्षेत्र के बसोचंद्रपुर में कृष्णयान गौरक्षाशाला के कार्यक्रम में अपने मुख्यमंत्री बनने की कहानी भी सुनाई। बताया कि जब भी मंत्रिमंडल का गठन या विस्तार किया जाता तो उनका नाम भी चर्चाओं में रहता। पर वह केवल चर्चाओं भर ही रह जाता था, और तो और जब तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो अखबारों ने उनको डिप्टी सीएम बनाने की भी चर्चा चली। मगर यहां भी वह केवल चर्चाओं तक ही रहे।
एक बार तो उन्होंने मन बना लिया था कि अब वह 2022 के चुनाव के बाद ही राजधानी देहरादून आएंगे। उससे पहले राजधानी का रूख नहीं करेंगे। इसलिए उन्होंने अपना सारा सामान भी अपनी विधानसभा क्षेत्र के आवास में शिफ्ट कर दिया था। अचानक परिस्थितियां बदली और उनको देहरादून बुलाया गया। मुख्यमंत्री की पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यह बात सच है कि उनका मुख्यमंत्री बनना एक आश्चर्य है। क्योंकि मुख्यमंत्री चुने जाने से पहले उनके पास ना तो राष्ट्रीय कार्यालय और ना ही प्रदेश कार्यालय से फोन आया और ना ही किसी बड़े नेता का ही फोन आया कि उन्हें मुख्यमंत्री चुना जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि देहरादून में बुलाई गई विधानमंडल की बैठक में वह अपने पूर्व के व्यवहार के चलते पीछे बैठे थे। लेकिन विधायक दल का नेता चुनने के लिए दिल्ली से भेजे गए प्रभारी ने अचानक उनका नाम बोला तो वह हैरान रह गया। क्योंकि उन्हें दूर दूर तक या अंदाजा नहीं था कि वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।