कांवड़ मेले में वैध पार्किंग की आड़ में अवैध पार्किंग का बड़ा खेल, पूर्व मंत्री के गुर्गों ने मिलीभगत से लगाई करोड़ों की चपत..
कावड़ियों की भीड़ और अधिकारियों की व्यस्तता का फायदा उठाकर पार्किंग माफिया ने किए वारे के न्यारे..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कावड़ियों की करोड़ों की भीड़ में जब पूरा सिस्टम कावड़ मेले में व्यवस्था सुचारु करने की जद्दोजहद कर रहा था, तब सफेदपोश पार्किंग माफिया अवैध पार्किंग में नोट पर नोट छाप रहा था।
अधिकारियों की नाक के नीचे मिलीभगत से एक पूर्व मंत्री के करीबी खिलाड़ियों ने सरकारी विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी और किसी को भनक भी नहीं लगी। इतना ही नहीं, भांडा फूटने का डर दिखाते हुए एक मोटी रकम अलग से निकल गई। लेकिन यह रकम उचित स्थान पर पहुंचाने के बजाय हजम कर ली गई। जिसके चलते खेल उजागर हो गया। सवाल यह है कि जब मेले की एक व्यवस्था की मॉनिटरिंग आला अधिकारी कर रहे हैं तो पार्किंग माफिया कैसे अपना इरादों में कामयाब हो गया।
सवाल यह भी है कि इस खेल में कौन-कौन से विभागों की मिलीभगत है। फिलहाल रोडीबेलवाला की सबसे बड़ी पार्किंग की आड़ में अवैध पार्किंग का बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसके पीछे पार्किंग के धंधे में लगे हरिद्वार शहर के कई सफेदपोश पार्किंग माफिया का नाम भी सामने आया है।पार्किंग रसीद पर हर की पैड़ी पार्किंग छपा हुआ है, जबकि इस नाम से कोई पार्किंग का ठेका ही नही हुआ है। रोडीबेलवाला के अलावा कई अन्य पार्किंग के आसपास भी अवैध पार्किंग का खेल सामने आया है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि साझेदारों ने ही एक दूसरे के कान पर प्याज काटने में कसर नहीं छोड़ी है। खर्च के नाम पर कुछ नामचीन संस्थाओं का हिस्सा निकल गया, लेकिन यह रकम भी कोई ना कोई साझेदार हड़प गया। पूरे मामले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वह इसलिए कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आला अधिकारियों को पारदर्शिता के साथ सभी व्यवस्थाओं को अंजाम देने के निर्देश दिए हुए हैं।
ऐसे में धुरंधरों ने इतनी सफाई के साथ अधिकारियों की नाक के नीचे बड़ा खेल कैसे खेल दिया।