झंडा कुशाई की रस्म में शामिल हुए हजारों अक़ीदत, उर्स का हुआ आगाज..
बरेली शरीफ से आए साबरी झंडे को दरगाह के मुख्य द्वार पर किया गया पेश..
पंच👊नामा
पिरान कलियर: साबिर पाक के 756 वे सालाना उर्स के मद्देनजर बरेली शरीफ से झंडा लेकर 15 दिन का पैदल सफर तय कर पिरान कलियर पहुँचे अकीदतमंदों के जत्थे का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। बाद नमाजे असर साबरी झंडे को दरगाह साबिर पाक के बुलंद दरवाजे पर फहराकर “झंडा कुशाई” की रस्म को अदा किया। इस दौरान मुल्क में अमनो सलामती की दुआएं मांगी गई। “झंडा कुशाई” की रस्म को उर्स/मेले का आगाज माना जाता है।बरेली से सूफी वसीम मिया साबरी, कमाल साबरी की सरपरस्ती में करीब 150 अकीदतमंदों का जत्था साबरी झंडा लेकर बुधवार को पिरान कलियर पहुँचा, जहां उनका फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। बाद नमाजे असर साबरी झंडे को दरगाह साबिर पाक के बुलंद दरवाज़े (मुख्य द्वार) पर फहराकर “परचम कुशाई” की रस्म को अदा किया गया। ग़ौरतलब है कि हर साल बरेली शरीफ से अकीदतमंदों का जत्था साबरी झंडा लेकर पैदल पिरान कलियर पहुँचता है, इस झंडे को उर्स/मेले का आगाज माना जाता है। जत्थे का विभिन्न जगहों पर अकीदतमंद लोग स्वागत करते है।